रेडिट्स एएमए (आस्क मी एनीथिंग) पर लाइव चैटिंग के दौरान इस चीयरलीडर्स ने अपने नाम का खुलासा नहीं किया। जब उससे पूछा गया कि मैच के दौरान आपको कितनी बार बुरी नजरों से देखा जाता है और आपको कैसा लगता है? उसका जवाब था, पूरे वक्त ऐसे ही देखा जाता है और मैं इससे घृणा करती हूं।
अधिकांश चीयरलीडर्स के विदेशी होने पर उसका कहना है कि हम उम्मीद करते हैं कि भारत की लड़कियों को भी चीयरलीडर्स में शामिल किया जाए, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो रहा। यदि पश्चिम देश की किसी चीयरलीडर का करार खत्म होता है तो उसका स्थान कोई दूसरी गोरी लड़की ले लेती है।
एक सवाल में पूछा गया कि क्या आप यह प्रार्थना करती हैं कि आपकी टीम के बल्लेबाज जल्दी-जल्दी आउट हो जाएं, ताकि आपको ज्यादा डांस ना करना पड़े। इस पर चीयरलीडर ने कहा, ऐसी कभी नहीं हो सका। अपनी टीम को जीतते देखना हमेशा अच्छा लगता है। यहां आने से पहले मैं क्रिकेट पसंद नहीं करती थी, लेकिन अब पसंद पूरी तरह बदल चुकी है।
कई चीयरलीडर्स अलग-अलग पेशों से आती हैं। मसलन, कुछ नर्स होती हैं तो कुछ लाइब्रेरियन्स। मैं भी यह काम करने पहले घरों की पुताई करती थी। जब आईपीएल नहीं चल रहा होता है तो मैं बॉलीवुड से जुड़े काम करती हूं। चीयरलीडर्स के इस प्रकार के बयान से एक बार फिर से भारतीय दर्शकों की सोच पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं।