मैच के आखिरी ओवर में ड्वेन ब्रावो ने जोस बटलर को गेंद डालना शुरु किया। पहली गेंद को जोंस बटलर ने मिड विकेट के क्षेत्र में हवा में उड़ा दिया लेकिन कोई भी कैच करने में असमर्थ रहा। गेंद दोनों खिलाड़ियों के बीच में गिरी क्योंकि उलझन के कारण फील्डर कैच लपकने का प्रयास नहीं कर पाए। धोनी यह देखकर काफी नाराज हुए और काफी झुंझलाए हुए दिखे।
धोनी ने अपनी प्रेस कॉंंफ्रेंस में कहा कि वह अपने गेंदबाजों के प्रदर्शन से खुश नहीं थे। उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स के गेंदबाजों को बैक ऑफ द लेंग्थ गेंदबाजी करने की सलाह दी थी। लेकिऩ अंतिम ओवरों में डेविड विली और ड्वेन ब्रावो ने फुल लेंग्थ गेंदबाजी की। इसका नुकसान यह हुआ कि दोनों ने अंतिम ओवरों में 5 से 6 चौके दिए। इसकी कीमत चेन्नई को राजस्थान रॉयल्स से मैच हारकर उठानी पड़ी।
ऐसा नहीं है कि चेन्नई सुपरकिंग्स सिर्फ शुक्रवार को हारी हो। कई मौकों पर चेन्नई ने मैच को हाथ से खोया है , लेकिन कभी भी माही को गुस्से में और चिल्लाते हुए नहीं देखा गया। वह तो विश्व कप के मैचों में भी ठंडे दिमाग से गेंदबाज को बताते रहते हैं। शायद उनकी बातों पर खिलाड़ियों ने कल अमल नहीं किया इस कारण माही का ऐसा स्वभाव मैदान पर दिखा।