कुछ ऐसा ही वानखेड़े में भी देखा गया जब दिनेश कार्तिक ने टॉस जीता और मुंबई इंडियंस को पहले बल्लेबाजी का न्यौता दिया। यहां भी कोलकाता की टीम को 13 रनों की हार झेलनी पड़ी। अब सवाल यह है कि जब लक्ष्य का पीछा करने की योजना मुंबई इंडियंस के खिलाफ पहले मुकाबले में सफल साबित नहीं हुई, तो यह जोखिम बुधवार को वापस क्यों लिया गया। क्यों न पहले बल्लेबाजी कर मुंबई इंडियंस पर दबाव बनाया गया
दूसरी बात, दिनेश कार्तिक नाबाद पारियां खेल कर आ रहे हैं लेकिन उस से टीम को फायदा नहीं मिल पा रहा है। डीके ने रक्षात्मक कप्तानी से अलग न करने की जैसे कसम खा रखी है। लेग स्पिनर पियुष चावला से उन्होंने आखिरी ओवर करवाया, जिसमें 22 रन पड़ गए। रसैल जैसे पार्ट टाइम गेंदबाज को मुंबई इंडियंस के सलामी बल्लेबाज ल्यूस के सामने भेजा जा रहा है। यह साफ दर्शाता है कि दिनेश कार्तिक अति रक्षात्कमक बनकर अपनी टीम को मैच जीतना चाहते हैं। अब देखना यह है कि क्या डीके खुद की कप्तानी में बदलाव करते हैं या यह गुस्ताखियां जारी रखते हैं?