चेन्नई ने नौ मैचों में सात जीते हैं और 14 अंक लेकर वह अपने शीर्ष स्थान पर बनी हुई है और प्लेऑफ में जगह पक्की करने से एक कदम ही दूर है जबकि बेंगलुरू के लिए अब स्थिति करो या मरो की है जिसने नौ मैचों में मात्र दो मैच जीते हैं और सात मैच गंवाने के बाद वह तालिका में आखिरी पायदान पर है। बाकी बचे हर मैच में विराट की टीम को केवल जीत की दरकरार रहेगी और बाकी टीमों के समीकरण के आधार पर ही प्लेऑफ की उसकी उम्मीद बन पाएगी।
बेंगलुरू ने हालांकि पिछले मैच में कोलकाता नाइटराइडर्स के स्टार ऑलराउंडर आंद्रे रसेल की 25 गेंदों में 65 रन की धुआधार पारी के बावजूद 10 रन से जीत दर्ज करने में कामयाबी हासिल की थी जिसने उसके मनोबल को बढ़ाया है। विराट की टीम केकेआर को उसी के घर में हराने में कामयाब रही जो टूर्नामेंट में मात्र उसकी दूसरी जीत है।
बेंगलुरू अब अपने घरेलू मैदान पर वापसी कर रही है और उसके कप्तान एवं स्टार स्कोरर विराट अपनी बेहतरीन फार्म में खेल रहे हैं, जिन्होंने केकेआर के खिलाफ 100 रन की बढ़िया शतकीय पारी खेली जबकि मोइन अली, पार्थिव पटेल, ए बी डीविलियर्स भी उसकी बल्लेबाजी के अहम खिलाड़ी हैं।
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई के सामने बेंगलुरू को कुछ अलग ही रणनीति से उतरना होगा जिसके सामने वह पिछले मैच में सात विकेट की निराशाजनक हार झेल चुके हैं। इस मैच में विराट की टीम 70 रन पर ही ढेर हो गयी थी। हालांकि यह मैच चेन्नई ने अपने मैदान पर खेला था और इस बार बेंगलुरू के पास मेहमान टीम से अपने मैदान पर बदला चुकता करने का भी मौका होगा।
दूसरी ओर चेन्नई को पिछले मैच में सनराइजर्स हैदराबाद से छह विकेट से उलटफेर झेलना पड़ा था। धोनी की अनुपस्थिति को टीम की हार की प्रमुख वजह माना गया और उसकी कोशिश रहेगी कि वह दो अंक लेकर प्लेऑफ में जगह पक्की करे। हालांकि धोनी के इस मैच में उतरने पर स्थिति साफ नहीं है। लेकिन शेन वॉटसन, दक्षिण अफ्रीका की विश्वकप टीम के कप्तान फाफ डू प्लेसिस, सुरेश रैना, अंबाटी रायुडू, लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा किसी भी स्थिति में उलटफेर करने में सक्षम है। (वार्ता)