मंगलवार को दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ फिरोजशाह कोटला मैदान पर उतरने के पहले चिंता में दिखे एम एस धोनी ने मैच से ठीक पूर्व उन्होंने मैच रैफरी जवागल श्रीनाथ से बातचीत की और 'मांकड़िंग' के नियम समझे ताकि मैच के दौरान कोई गलतफहमी नहीं हो और इसका खामियाजा टीम को नहीं भुगतना पड़े जैसा कि सोमवार को राजस्थान रॉयल्स ने भुगता था।
धोनी को जवागल श्रीनाथ 'मांकड़िंग' नियम के बारे में विस्तार से बताया और उनकी तमाम जिज्ञासाओं को शांत किया। जब धोनी और जवागल श्रीनाथ की बातचीत चल रही थी, तब वहां दिल्ली कैपिटल्स के कोच और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोटिंग के अलावा दिल्ली के कप्तान श्रेयस अय्यर भी मौजूद थे।
क्या होता है मांकड़ आउट? : 'मांकड़ आउट' तब कहलाया जाता है, जब नॉन स्ट्राइक एंड पर खड़ा बल्लेबाज गेंदबाज द्वारा गेंद फेंकने के पहले ही अपनी क्रीज छोड़ दे और तब गेंदबाज बल्लेबाज को रन आउट कर दे, जैसा कि आईपीएल 12 में पहली बार जोस बटलर के साथ हुआ।
वीनू मांकड़ ने की शुरुआत : किसी भी बल्लेबाज को इस तरह से आउट करने का ये तरीका पहली बार 13 दिसंबर 1947 में तब दुनिया के सामने आया, जब भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी। सिडनी में दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम के गेंदबाज वीनू मांकड़ ने पहली बार इस तरीके से किसी बल्लेबाज को आउट किया था। मांकड़ के शिकार बने थे ऑस्ट्रेलिया के बिल ब्राउन और तभी से आउट करने के इस तरीके को 'मांकड़ आउट' कहा जाने लगा।