धोनी के पास लंबा अनुभव है। वे विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य नहीं खोते। धोनी की सादगी और आचरण का ही नतीजा है कि पूरी क्रिकेट बिरादरी उनकी दीवानी है। धोनी जब भी मैदान छोड़ेंगे, उनका व्यवहार सदैव याद रखा जाएगा। क्या विराट उनसे इस अच्छाई को ग्रहण नहीं कर सकते? खुद विराट को भी अहसास है कि वे धोनी के बिना अधूरे हैं। क्या इस अधूरेपन को भरने की पहल नहीं कर सकते?
मैदान पर विराट कोहली का आपा खोने का बेहद खराब रिकॉर्ड रहा है। वे बहुत जल्दी अपना धैर्य खो देते हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब दिल्ली के इस आक्रामक बल्लेबाज ने क्रिकेट की गरिमा को नुकसान पहुंचाया हो। अपने करियर के शुरुआती दौर में तो विराट ने ऑस्ट्रेलियाई फैंस को ही अभद्र इशारा कर दिया था, जिसके बाद इस घटना ने काफी तूल पकड़ा था।