नई दिल्ली। गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच उपजे सीमा विवाद के कारण चीनी मोबाइल कंपनी वीवो को (IPL) के टाइटल प्रायोजन को 1 साल के लिए स्थगित करने के बाद बीसीसीआई (BCCI) ने साढ़े चार महीनों के लिए नए प्रायोजक की तलाश शुरू कर दी है। सोमवार को बीसीसीआई ने साफ किया कि यह जरूरी नहीं कि सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को ही टाइटल प्रायोजन के अधिकार दिए जाएं।
जय शाह इसमें कहा गया, इसके बारे में विस्तार से जानकारी उन्हीं पक्षों को दी जाएगी जो ईओआई (एक्सप्रेस आफ इंटरेस्ट) जमा करेंगे और योग्य पाए जाएंगे। सबसे ऊंची बोली लगाने वाले तीसरे पक्ष को अधिकार देने के लिए बीसीसीआई बाध्य नहीं होगा। बीसीसीआई का फैसला कई अन्य बातों पर भी निर्भर करेगा।
बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि मध्यस्थ या एजेंट इस प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकते और ऐसी बोलियां रद्द कर दी जाएंगी। योग गुरू बाबा रामदेव के पतंजलि समूह ने भी बोली लगाने में रूचि दिखाई है। पतंजलि ग्रुप का सालाना टर्नओवर करीब 10,500 करोड़ रुपए है और 2018-19 के वित्त वर्ष में पतंजलि आयुर्वेद की आय 8,329 करोड़ रुपए रही थी।