चेन्नई ने हारे हैं सबसे ज्यादा IPL फाइनल, ऐसे 5 बार मिली थी खिताबी हार
गुरुवार, 14 अक्टूबर 2021 (14:40 IST)
बेशक चेन्नई सुपर किंग्स आईपीएल ट्रॉफी जीतने मे दूसरे नंबर पर हो लेकिन आईपीएल फाइनल हारने में नबर 1 पर है। जितनी ट्रॉफी मुंबई इंडियन्स के पास है (5) उतने फाइनल्स चेन्नई सुपर किंग्स हार चुकी है। चेन्नई की टीम रिकॉर्ड 9वीं बार फाइनल में पहुंची है जिसका सामना अब कोलकाता नाइट राइडर्स से होगा जिसका फाइनल में 100 प्रतिशत रिकॉर्ड है।
अगर इन 5 में से 3 फाइनल भी चेन्नई अपने नाम कर लेती तो सबसे ज्यादा आईपीएल ट्रॉफी जीतने वाली टीम होती। चेन्नई ने सबसे ज्यादा आईपीएल फाइनल मुंबई इंडियन्स के खिलाफ गंवाए हैं। फाइनल में हार का सिलसिला आईपीएल के पहले साल में ही शुरु हो गया था। जानते हैं क्या हुआ उन मैचों में
2008- राजस्थान ने 3 विकेट से हराया
कहते हैं भाग्य उन्हीं का साथ देता है, जो कर्मवीर होते हैं और IPL 2008 फाइनल की रात को भाग्य कभी हार न मानने वाले यूसुफ पठान के साथ था, जिनके चमत्कारिक खेल से राजस्थान रॉयल्स यहाँ दिलों की धड़कन थाम देने वाले फाइनल में चेन्नई सुपर किंग्स पर 3 विकेट से जीत दर्ज करते हुए इंडियन प्रीमियर लीग का पहला चैंपियन बन गया।
'मैन ऑफ द मैच' के अलावा सर्वाधिक छक्के लगाने का पुरस्कार पाने वाले यूसुफ पठान ने पहले गेंदबाजी में कमाल दिखाया और केवल 22 रन देकर चेन्नई सुपर किंग्स के चोटी के तीन विकेट लिए। चेन्नई ने हालाँकि सुरेश रैना (43), पार्थिव पटेल (38) और कप्तान महेंद्रसिंह धोनी (नाबाद 29) के उपयोगी योगदान से पाँच विकेट पर 163 रन बनाए।
रैना को हालाँकि इस बात का अफसोस लंबे समय तक रहेगा कि जब पठान 13 रन पर थे, तब इस खतरनाक बल्लेबाज का कैच कैसे छूट गया। पठान ने इसका पूरा फायदा उठाया और 39 गेंद पर 56 रन की पारी खेलकर आईपीएल के इतिहास में राजस्थान रॉयल्स का नाम अमर कर दिया।
सोहेल तनवीर ने अंतिम गेंद पर विजयी रन बनाकर रॉयल्स का स्कोर सात विकेट पर 164 रन पहुँचाया। आईपीएल की बोली में सबसे कम कीमत पर बिकी राजस्थान रॉयल्स को शेन वार्न ने अजेय बना दिया। जब टीम को जीत मिली, तब वे एक छोर पर बल्लेबाजी कर रहे थे।
यूसुफ पठान उस समय आउट हो गए जब टीम को जीत के लिए 14 गेंद पर 21 रन की जरूरत थी। अंतिम दो ओवर में 18 रन चाहिए थे। मखाया नतिनी के 19वें ओवर में दस रन बने, जिसमें वॉर्न का चौका शामिल था।
अब मामला छह गेंद और आठ रन पर था। लक्ष्मीपति बालाजी की पहली तीन गेंद पर दो रन बने, लेकिन अगली गेंद वाइड हुई और एक रन भी बना। चौथी गेंद पर एक और पाँचवीं पर दो रन बनने से स्कोर बराबर हो गया। गेंदबाजी में सर्वाधिक विकेट लेकर 'परपल कैप' के हकदार बने तनवीर ने कवर पर विजयी रन लेकर 45 दिन तक चली कहानी का रोमांचक अंत किया।
दोनों सेमीफाइनल एकतरफा रहे थे, लेकिन फाइनल में दर्शकों को असली मजा दिया। मैच उतार-चढ़ाव से भरा रहा लेकिन कहना होगा कि भाग्य पूरी तरह से रॉयल्स के साथ, क्योंकि एक समय उसका स्कोर तीन विकेट पर 43 रन था, जिसके बाद पठान और शेन वॉटसन ने 66 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी की।
ग्रीम स्मिथ माँसपेशियों में खिंचाव के कारण इस महत्वपूर्ण मैच में नहीं खेल पाए। स्वप्निल असनोदकर के साथ पारी की शुरुआत करने के लिए उतरे नीरज पटेल ने मनप्रीत गोनी की गेंद अपने विकेट पर मारने से पहले 11 गेंद पर केवल दो रन बनाए। असनोदकर ने गोनी के दूसरे ओवर में दो बार गेंद सीमा रेखा पार पहुँचाई।
उन्होंने बाद में नतिनी की गेंद पर भी चौका जमाया लेकिन जब मोर्कल आए तो उनकी आफ स्टंप से बाहर जाती पहली गेंद पर ही प्वाइंट पर खड़े रैना को सीधा कैच थमा दिया। असनोदकर ने 20 गेंद पर 28 रन बनाए जिसमें चार चौके शामिल हैं।
मोर्कल के इसी ओवर में कामरान अकमल मिड ऑन से नतिनी के सीधे थ्रो पर रन आउट हो गए। मोर्कल का अगला ओवर भी घटना प्रधान रहा। उनकी शार्ट पिच पठान के हेलमेट से लगकर विकेटकीपर पटेल के दस्तानों में समा गई। चेन्नई की टीम को लगा कि उन्हें विकेट मिल गया है, लेकिन अंपायर बिली बोडेन अपनी जगह से नहीं हिले। धोनी ने उनसे बात भी की, क्योंकि बोडेन लेग बाई देना भूल गए थे।
बालाजी के ओवर में 14 रन लेकर वापसी करने वाले रॉयल्स ने तब बड़ी राहत की साँस ली जब पठान ने मुथैया मुरलीधरन की गेंद डीप मिड विकेट के ऊपर से खेलने के प्रयास में हवा में उछाल दी, लेकिन अपने क्षेत्ररक्षण के लिए मशहूर रैना इसे नहीं पकड़ पाए। तब पठान 13 रन पर थे।
पठान ने इसके बाद मुरलीधरन के अगले ओवर में लगातार दो छक्के जमाए, लेकिन किस्मत उनके साथ थी और जब वह 33 रन पर थे, तब गोनी ने अपनी गेंद पर उनका कैच छोड़ दिया। मुरलीधरन ने हालाँकि अपने तीसरे ओवर में वॉटसन (28) को बोल्ड कर दिया। उन्होंने 19 गेंद पर तीन चौके जमाए।
पठान का बल्ला तो बस आग उगल रहा था। उन्होंने बालाजी की गेंद पर चौका और छक्का जड़ने के बाद मुरलीधरन को फिर से निशाना बनाया और उनकी गेंद पर फिर से छक्का जमाया। मोहम्मद कैफ (12) ने भी इस ओवर की पहली गेंद छह रन के लिए भेजी, लेकिन अंतिम गेंद पर वे धोनी को कैच देकर पैवेलियन लौट गए।
मोर्कल का अंतिम ओवर भी घटना से भरा रहा। रविंदर जडेजा पहली गेंद पर आउट हुए जबकि तीसरी गेंद पर रन आउट होने से बाल-बाल बचे पठान अगली गेंद पर रैना के सीधे थ्रो पर रन आउट हो गए। उन्होंने 39 गेंद पर तीन चौके और चार छक्के लगाए। वॉर्न ने ऐसे में पूरी जिम्मेदारी संभाली और तनवीर पर भी दबाव नहीं बनने दिया।
इससे पहले वॉर्न ने टास जीतकर क्षेत्ररक्षण लेने के बाद गेंदबाजी में चतुराई भरे बदलाव किये जिसका उन्हें फायदा भी मिला। डीवाई पाटिल स्टेडियम की पिच धीमा खेल रही थी और शुरू में पार्थिव पटेल के खिलाफ पगबाधा की दो विश्वसनीय अपील भी हुई।
पटेल ने तनवीर के पहले ओवर में स्क्वायर और फिर शेनवॉटसन की गेंद कवर में चार रन के लिए भेजी। दूसरे सलामी बल्लेबाज एस विद्युत (16) वॉटसन के अगले ओवर में चौका और थर्ड मैन पर छक्का जमाया। वॉर्न का ऐसे मौके पर पठान को गेंद सौंपना अच्छा फैसला हुआ जिनकी गेंद पर रविंदर जडेजा ने डीप मिडविकेट पर विद्युत का बेहतरीन कैच लपका।
पठान को जल्द ही जब दूसरे स्पैल के लिए लाया गया तो उन्होंने पटेल को भी पैवेलियन भेज दिया। विकेटकीपर अकमल स्टंप करने से चूक गए लेकिन गेंद पटेल के बल्ले से लगकर गयी थी और अकमल ने तीसरे प्रयास में उसे अपने दस्तानों में थाम दिया। पटेल ने 33 गेंद का सामना किया और पाँच चौके लगाए।
रैना ने वॉर्न के दूसरे ओवर में लांग ऑन पर अपना पहला छक्का जड़ा और फिर मोर्कल (16) ने भी रॉयल्स के कप्तान की गेंद छह रन के लिए भेजी। दक्षिण अफ्रीकी मोर्कल ने पठान पर भी मिडविकेट पर छक्का लगाया, लेकिन अगली गेंद वह हवा में खेल गए। इस कैच को लेने के लिए अकमल और कैफ दोनों आगे बढ़े। विकेटकीपर ने कैच तो ले लिया लेकिन कैफ से भिड़ने के कारण वह घायल हो गए।
धोनी हाथ न खोल पाए इसलिए वॉर्न ने खुद ही गेंद संभाली। चेन्नई के कप्तान ने हालाँकि उनकी गेंद पर लांग ऑन पर छक्का जमा दिया जो वॉर्न की गेंदों पर इस टूर्नामेंट में लगा 19वाँ छक्का था। वॉर्न ने चार ओवर में 34 रन दिए।
रैना ने सिद्धार्थ त्रिवेदी की गेंद पर छक्का जड़ने के बाद तनवीर की गेंद भी चार रन के लिए भेजी लेकिन वॉटसन की ऑफ स्टंप से बाहर की ओवर पिच की गेंद पर उन्होंने लांग आफ पर जडेजा को आसान कैच थमा दिया।
चेन्नई ने अंतिम पाँच ओवर में 46 रन बनाए लेकिन इस बीच केवल चार बार गेंद सीमा रेखा पार गयी।वॉटसन ने इस बीच दो ओवर किए जिनमें उन्होंने 13 रन दिए जबकि तनवीर ने अपने अंतिम तीन ओवर में 34 रन खर्च किए।
तनवीर का अंतिम ओवर काफी महंगा साबित हुआ, जिसमें धोनी ने लांग ऑन पर छक्का जमाया और एस. बद्रीनाथ ने चौका जड़ा। इस ओवर की पहली गेंद पर तनवीर ने हालाँकि चामरा कापुगेदारा का विकेट लेकर आईपीएल में अपने कुल विकेटों की संख्या 22 पर पहुँचाई।
आईपीएल 2012 फाइनल- कोलकाता ने चेन्नई को 5 विकेट से हराया
दिलचस्प बात यह है जब कोलकाता पहली बार फाइनल में पहुंची थी तो उसका सामने दो बार की चैंपियन चेन्नई से हुआ था। कोलकाता नाइटराइडर्स ने उतार-चढ़ाव से भरे रोमांचक फाइनल में चेन्नई सुपरकिंग्स पर पांच विकेट की जीत दर्ज करके पहली बार इंडियन प्रीमियर लीग का खिताब जीता। इस जीत से शाहरुख खान के स्वामित्व वाली केकेआर ने चेन्नई का लगातार तीसरा खिताब जीतने का सपना भी चकनाचूर कर दिया।
चेन्नई का यह चौथा आईपीएल फाइनल था और उसने पहले बल्लेबाजी की। माइकल हसी (43 गेंद पर 54 रन) और मुरली विजय (32 गेंद पर 42) ने टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई। बाद में रैना (38 गेंद पर 73) ने पांच छक्के जड़कर टीम को तीन विकेट पर 190 रन के मजबूत स्कोर तक पहुंचाया।
केकेआर की जीत के नायक सलामी बल्लेबाज मानविंदर बिस्ला रहे। उन्होंने 48 गेंद पर आठ चौकों और पांच छक्कों की मदद से 89 रन बनाए। जैक कैलिस ने 49 गेंद पर 69 रन की पारी खेली। इन दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 136 रन की साझेदारी की, जो आखिर में निर्णायक साबित हुई।
केकेआर ने 19.4 ओवर में पांच विकेट पर 192 रन बनाकर चेन्नई के स्कोर को बौना साबित कर दिया। गौतम गंभीर की अगुवाई वाली केकेआर की टीम पहली बार फाइनल में पहुंची थी और उसी में चैंपियन बनने में सफल रही। अंतिम क्षणों में हालांकि मैच काफी तनावपूर्ण बन गया था, लेकिन आखिर में शाहरुख की बेटी सुहाना केकेआर के लिए भाग्यशाली साबित हुई। सुहाना जिस मैच में भी मौजूद रही उसमें केकेआर को जीत मिली।
आखिरी ओवर में नौ रन की दरकार थी तथा मनोज तिवारी (तीन गेंद पर नाबाद नौ रन) ने ड्वेन ब्रावो की तीसरी और चौथी गेंद पर चौका जड़कर शाहरुख एंड कंपनी को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। वैसे केकेआर की जीत की नींव बिस्ला और कैलिस ने रखी।
हरियाणा के रहने वाले 27 वर्षीय बिस्ला ने कप्तान गौतम गंभीर (चार गेंद पर दो रन) के पहले ओवर में ही आउट होने के बाद कुछ दर्शनीय शॉट लगाकर केकेआर के दर्शकों को निराश नहीं होने दिया। हिल्फेनहास ने गंभीर के बल्ले और पैड के बीच से गेंद निकालकर उनका ऑफ स्टंप उखाड़ दिया था। पहले तीन ओवर में केवल 16 रन बने। यहां से बिस्ला ने केकेआर की उम्मीदों को पंख लगाए।
उन्होंने एल्बी मोर्कल के ओवर में चार चौके जड़कर शुरुआत की और फिर रविचंद्रन अश्विन का दो छक्कों से स्वागत किया। वह अलग बात है कि इसी ओवर में 38 रन के निजी योग पर हिल्फेनहास ने उनका मुश्किल कैच छोड़ा। बिस्ला ने ड्वेन ब्रावो का स्वागत भी मिडऑफ पर छक्का लगाकर किया। उन्होंने केवल 27 गेंद पर अपने करियर का चौथा अर्धशतक पूरा किया और फिर ब्रावो के अगले ओवर में पहले चौका और फिर छक्का जमाया। इससे केकेआर दसवें ओवर तक सैकड़ा पूरा कर गया।
लक्ष्मीरतन शुक्ला (3) भी आते ही डगआउट में पहुंच गए, लेकिन कैलिस ने दूसरे छोर से रन बनाना जारी रखा। उन्होंने शादाब जकाती पर दो चौके जड़कर अर्धशतक पूरा किया और फिर ब्रावो की दो गेंदों को चौके और छक्के लिए भेजा। अश्विन ने यूसुफ पठान (1) को आउट करके फिर से मैच रोमांचक बनाने की कोशिश की।
इससे पहले विजय और हसी ने पहले विकेट के लिए 87 रन की साझेदारी करके चेन्नई के लिये बढ़िया नींव रखी। ब्रेट ली और शाकिब अल हसन दोनों पहला ओवर किफायती करने के बाद अगले ओवर में पिट गए जिसके बाद गंभीर को अपने तुरुप के इक्के सुनील नरेन को गेंद सौंपनी पड़ी। ली छठा ओवर करने आए जिसमें विजय और हसी दोनों ने छक्के जमाए। इससे चेन्नई तीन ओवर में केवल दस रन बनाने के बावजूद पॉवरप्ले के छह ओवर में 54 रन जुटाने में सफल रहा।
इन दोनों की साझेदारी 11वें ओवर में रजत भाटिया ने तोड़ी। उनकी धीमी गेंद को विजय ने स्क्वायर लेग पर भेजना चाहा, लेकिन वह सही तरह से उनके बल्ले पर नहीं आई और शाकिब ने डाइव लगाकर उसे कैच में बदल दिया। विजय ने चार चौके और एक छक्का लगाया।
रैना ने ली की शॉर्ट पिच गेंद पर छक्का जमाने के बाद नरेन को भी नहीं बख्शा। उन्होंने इस रहस्यमयी स्पिनर की गेंद को भी डीप मिडविकेट पर छह रन के लिए भेजकर केवल 27 गेंद पर अपना पचासा पूरा किया।
रैना ने शाकिब की पारी की आखिरी गेंद पर डीप मिडविकेट पर कैच थमाया। इससे पहले हसी ने कैलिस की गेंद पर बोल्ड होने से पहले अपनी पारी में चार चौके और दो छक्के लगाए। उनका स्थान लेने के लिए आए धोनी (नौ गेंद पर 14 रन) ने कैलिस के इसी ओवर में दो चौके लगाए।
2013: मुंबई इंडियंस बना आईपीएल का नया चैंपियन
कीरोन पोलार्ड की विषम परिस्थितियों में खेली गई तूफानी पारी तथा तेज और स्पिन मिश्रित आक्रमण के कमाल के प्रदर्शन से मुंबई इंडियंस ने चैंपियन चेन्नई सुपरकिंग्स पर 23 रन की जीत दर्ज करके पहली बार आईपीएल का खिताब अपने नाम किया।
पोलार्ड ने केवल 32 गेंदों पर सात चौकों और तीन छक्कों की मदद से नाबाद 60 रन बनाए। उनके अलावा अंबाती रायुडु ने 37 रन का योगदान दिया, जिससे टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिए उतरी मुंबई इंडियंस ने नौ विकेट पर 148 रन बनाए।
लीग चरण में मुंबई के खिलाफ ही 79 रन पर ढेर होने वाली चेन्नई टीम के आठ विकेट 58 रन पर निकल गए थे। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 45 गेंद पर तीन चौकों और पांच छक्कों की मदद से नाबाद 63 रन बनाए। इसके बावजूद स्पॉट फिक्सिंग के कारण चर्चा में चल रही चेन्नई की टीम नौ विकेट पर 125 रन ही बना पाई।
मुंबई पहली बार आईपीएल चैंपियन बना। उसने इस जीत से चेन्नई से 2010 के फाइनल और इस साल पहले क्वालीफायर में मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया। मुंबई को विजेता बनने पर 10 करोड़ रुपए मिले जबकि चेन्नई को सात करोड़ 50 लाख रुपए से ही संतोष करना पड़ा।
मुंबई की जीत में पोलार्ड की धुआंधार पारी के बाद गेंदबाजों ने अहम भूमिका निभाई। मुंबई की तरफ से मिशेल जॉनसन, लसिथ मलिंगा और हरभजन सिंह ने दो-दो विकेट लिए। पोलार्ड ने चार ओवर में 34 रन देकर एक विकेट लिया।
मुंबई की इस जीत से आईपीएल छह में सर्वाधिक 32 विकेट लेकर 'परपल कैप' हासिल करने वाले ड्वेन ब्रावो का प्रदर्शन भी फीका पड़ गया। उन्होंने 42 रन देकर चार जबकि एल्बी मोर्कल ने तीन ओवर में 12 रन देकर दो विकेट लिए।0
जीत के लिए 149 रनों का पीछा करने उतरी चेन्नई की टीम को मलिंगा ने अपने पहले ओवर में दहलाकर रख दिया और अगले ओवर में जॉनसन ने भी एक विकेट लेकर स्कोर 3 विकेट पर 3 रन कर दिया।
मलिंगा ने पारी की चौथी गेंद पर टूर्नामेंट में सर्वाधिक 733 रन बनाने वाले माइकल हसी को इनस्विंग यॉर्कर पर बोल्ड किया और अगली गेंद पर चेन्नई के दूसरे सफल बल्लेबाज सुरेश रैना को हवा में गलत शॉट खेलने के लिए मजबूर करके स्क्वेयर लेग पर कैच कराया।
हसी को आईपीएल के किसी सत्र में सर्वाधिक 733 रन के क्रिस गेल के रिकॉर्ड तोड़ने के लिए दो रन की दरकार थी लेकिन वह केवल एक रन बना पाए। इस तरह से उन्होंने गेल के 2012 में बनाए गए रिकॉर्ड की बराबरी की। जॉनसन ने दूसरे ओवर में मुंबई को तीसरा झटका दिया। एस.बद्रीनाथ ने आफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर विकेटकीपर दिनेश कार्तिक को कैच दे दिया।
ब्रावो (15) भी कुछ देर तक विजय का साथ देने के बाद ऋषि धवन की धीमी गेंद पर मिड ऑन पर कैच दे गए। अब हरभजन की बारी थी, जिन्होंने रविंदर जडेजा को खाता भी नहीं खोलने दिया।
विकेटों के पतझड़ को आगे बढ़ाने के लिए रोहित शर्मा ने जॉनसन को दूसरे स्पैल के लिए बुलाया और इस ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज ने मुरली विजय (20 गेंद पर 18 रन) का धैर्य तोड़कर अपने कप्तान को निराश नहीं किया।
विजय बैकफुट पर जाकर सही तरह से पुल नहीं कर पाए और कवर पर रोहित को आसान कैच दे बैठे। प्रज्ञान ओझा ने एल्बी मोर्कल (10) की गिल्लियां बिखेरी तो हरभजन ने एक अन्य दक्षिण अफ्रीकी ऑलराउंडर क्रिस मौरिस को पैवेलियन भेजा। धोनी ने ओझा पर दो और पोलार्ड पर तीन छक्के लगाए। उन्होंने आर अश्विन के साथ नौवें विकेट के लिए 41 रन जोड़कर धुंधली उम्मीद जगाई लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
इससे पहले मुंबई की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही और उसने पहली 20 गेंद और 16 रन के अंदर दोनों सलामी बल्लेबाज और कप्तान रोहित शर्मा के विकेट गंवा दिए। पिछले दो मैचों में अर्धशतक जमाने वाले ड्वेन स्मिथ (4) पहले ओवर में ही मोहित शर्मा की गेंद को रक्षात्मक रूप से खेलने के प्रयास में एलबीडब्ल्यू आउट हो गए।
मोर्कल ने अगले ओवर की पहली गेंद पर आदित्य तारे को बोल्ड कर दिया। रोहित ने तो चेन्नई को अपना विकेट इनाम में दिया। मोर्कल के अगले ओवर में उन्होंने शॉर्ट पिच गेंद पर वापस गेंदबाज को कैच थमाया। दिनेश कार्तिक (26 गेंद पर 21 रन) और रायुडु ने अगले छह ओवर तक विकेट नहीं गिरने दिया जो तब मुंबई के लिए जरूरी था।
मौरिस ने कोण लेती गेंद पर कार्तिक को बोल्ड करके रायुडु के साथ उनकी 36 रन की साझेदारी तोड़ी। दसवें ओवर तक स्कोर 58 रन था लेकिन पोलार्ड के क्रीज पर कदम रखने के बाद स्कोर ने कुछ गति पकड़ी।
इस कैरेबियाई ऑलराउंडर ने अश्विन पर पारी का पहला छक्का जमाया और फिर जडेजा पर दो चौके जड़े। जब लग रहा था कि मुंबई की स्थिति सुधर रही है तब ब्रावो ने रायुडु का मिडिल स्टंप उखाड़ दिया। रायुडु ने अपनी पारी में चार चौके लगाए और पोलार्ड के साथ पांचवें विकेट के लिए 48 रन जोड़े।
हरभजन ने ब्रावो के अगले ओवर में तीन चौके जड़कर डीप कवर पर कैच थमाया। ब्रावो ने पारी के आखिरी ओवर में जानसन और मलिंगा को भी आउट किया लेकिन पोलार्ड ने उनकी आखिरी दो गेंदों पर छक्के जड़कर स्कोर 148 रन तक पहुंचाया।
2015: मुंबई ने चेन्नई को दी 41 रनों से मात
सलामी बल्लेबाज लेंडल सिमंस और कप्तान रोहित शर्मा के अर्धशतक और दोनों के बीच शतकीय साझेदारी से विशाल स्कोर खड़ा करने के बाद मुंबई इंडियन्स ने गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन से इंडियन प्रीमियर लीग फाइनल में चेन्नई सुपरकिंग्स को 41 रन से हराकर दूसरी बार खिताब जीता।
मुंबई को 2010 में शिकस्त का सामना करना पड़ा था लेकिन 2013 और 2015 में टीम खिताब जीतने में सफल रही। टीम की यह खिताबी जीत इसलिए भी अहम है क्योंकि टूर्नामेंट की उसकी शुरुआत बेहद खराब रही थी और उसे पहले चार मैचों में शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
मुंबई इंडियन्स ने सिमंस (68) और रोहित (50) के बीच दूसरे विकेट की 119 रन की साझेदारी से पांच विकेट पर 202 रन बनाए। इसके जवाब में सुपरकिंग्स की टीम सलामी बल्लेबाज ड्वेन स्मिथ (57) के अर्धशतक के बावजूद आठ विकेट पर 161 रन ही बना सकी।
मुंबई इंडियन्स ने की ओर मिशेल मैक्लारेन ने 25 रन देकर तीन विकेट चटकाए जबकि लसिथ मलिंगा और हरभजन सिंह ने क्रमश: 25 और 34 रन देकर दो-दो विकेट हासिल किए।
आईपीएल आठ में चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ पहले लीग मैच में छह विकेट की शिकस्त के बाद मुंबई इंडियन्स ने महेंद्र सिंह धोनी की टीम को लगातार तीन मैच में हराया। मुंबई ने पहले क्वालीफायर में सुपरकिंग्स को 25 रन से हराकर ही फाइनल में जगह बनाई थी।
सुपरकिंग्स की टीम पावर-प्ले में एक विकेट पर 31 रन ही बना सकी। स्मिथ ने ऑफ स्पिनर हरभजन पर दो चौकों के साथ आठवें ओवर में टीम का स्कोर 50 रन तक पहुंचाया।
सुरेश रैना (28) ने भी इसके बाद हरभजन पर छक्का जड़ा जबकि स्मिथ ने हार्दिक पंड्या पर चौके के साथ 45वें गेंद में अर्धशतक पूरा किया। हरभजन ने स्मिथ को पगबाधा आउट करके सुपरकिंग्स को दूसरा झटका दिया।
इसके साथ ही रैना के साथ स्मिथ की 66 रन की पारी का अंत हुआ। उन्होंने 48 गेंद की अपनी पारी में नौ चौके और एक छक्का मारा। हरभजन ने अपने अगले ओवर में रैना को भी विकेटकीपर पार्थिव पटेल के हाथों स्टंप कराया। रैना की 19 गेंद की पारी में तीन चौके और एक छक्का शामिल रहा।
ड्वेन ब्रावो (9) भी मैक्लारेन की गेंद को थर्ड मैन पर सीधे सिमंस के हाथों में खेल गए जबकि मलिंगा ने धोनी (18) को बोल्ड करके सुपरकिंग्स की रही सही उम्मीद भी तोड़ दी। सुपरकिंग्स को अंतिम चार ओवर में जीत के लिए 78 रन की दरकार थी और उसके लिए यह रन पहाड़ जैसे साबित हुए।
विनय कुमार ने इसके बाद फाफ डु प्लेसिस (1), मलिंगा ने पवन नेगी (3) और मैक्लारेन ने रविचंद्रन अश्विन (2) को पैवेलियन भेजा। चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम 20 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 161 रन ही बना सकी।
इससे पूर्व टॉस हारकर बल्लेबाजी करने उतरी मुंबई की टीम ने पहले ओवर में ही पार्थिव पटेल (0) का विकेट गंवा दिया, जिन्हें फाफ डु प्लेसिस ने रन आउट किया।
बेहतरीन फार्म में चल रहे लेंडल सिमंस और रोहित ने इसके बाद तूफानी बल्लेबाजी का नजारा पेश किया। रोहित ने पारी के दूसरे ओवर में मोहित शर्मा पर छक्का और दो चौके मारे जबकि अगले ओवर में आशीष नेहरा पर भी दो चौके जड़े।
सिमंस ने भी तेवर दिखाते हुए रविचंद्रन अश्विन पर चौका और छक्का मारा जबकि रविंद्र जडेजा का स्वागत दो चौकों और छक्कों के साथ करके पावर-प्ले में टीम का स्कोर एक विकेट पर 61 रन तक पहुंचाया।
सिमंस 48 रन के निजी स्कोर पर भाग्यशाली रहे जब मोहित की गेंद पर पवन नेगी उनका मुश्किल कैच लपकने में नाकाम रहे। सिमंस ने इसी गेंद पर दो रन के साथ 35 गेंद में आईपीएल आठ का छठा अर्धशतक पूरा किया।
रोहित ने भी ड्वेन ब्रावो पर दो चौकों के साथ 25 गेंद में अर्धशतक पूरा किया लेकिन ओवर की अंतिम गेंद पर लांग आन पर जडेजा को आसान कैच दे बैठे। उन्होंने 26 गेंद की अपनी पारी में छह चौके और दो छक्के मारे। धोनी ने अगले ओवर में गेंद स्मिथ को थमाई और उन्होंने पहली ही गेंद पर सिमंस को बोल्ड कर दिया। यह स्मिथ की आईपीएल आठ की पहली गेंद थी।
लगातार दो गेंद पर दो जमे हुए बल्लेबाजों के विकेट गंवाने के बाद रन गति में कुछ गिरावट आई। पोलार्ड ने 17वें ओवर में नेहरा को निशाना बनाते हुए उनके ओवर में तीन छक्के और एक चौके सहित 23 रन बटोरे। रायुडू ने भी स्मिथ और ब्रावो पर छक्के जड़े।
स्मिथ ने इसके बाद ब्रावो की गेंद पर रायुडू का आसान कैच छोड़ा। रायुडू ने मोहित पर छक्का जड़ा लेकिन इसी ओवर में पोलार्ड सुरेश रैना को कैच दे बैठे। उन्होंने 18 गेंद का सामना करते हुए दो चौके और तीन छक्के मारे।
ब्रावो ने अंतिम ओवर की दूसरी गेंद पर हार्दिक पंड्या (0) को पैवेलियन भेजा। हरभजन सिंह (नाबाद 6) ने ब्रावो पर छक्का जड़ा और फिर अगली गेंद पर लेग बाय के चार रन के साथ टीम स्कोर 200 रन पार कर गया। रायुडू ने 24 गेंद का सामना करते हुए तीन छक्के जड़े। ब्रावो सुपरकिंग्स के सबसे सफल गेंदबाज रहे, जिन्होंने 36 रन देकर दो विकेट चटकाए।
2019: सिर्फ 1 रन से मुंबई ने चेन्नई को हराया
मुंबई इंडियंस ने सांसों को रोक देने वाले बेहद रोमांचक फाइनल में लसित मलिंगा के कमाल के आखिरी गेंद पर चेन्नई सुपरकिंग्स को रविवार को मात्र 1 रन से पराजित करके 7 साल में चौथी बार आईपीएल का चैंपियन बनाने का गौरव हासिल करा। 'मैन ऑफ द मैच' बुमराह को 5 लाख रुपए का पुरस्कार मिला।
मुंबई ने आईपीएल-12 के फाइनल में 8 विकेट पर 149 रन बनाने के बाद चेन्नई को 7 विकेट पर 148 रन पर थाम लिया। मलिंगा ने आखिरी गेंद पर विकेट निकाल कर खिताब मुंबई की झोली में डाल दिया। मुंबई के खिलाड़ियों ने इसके बाद मलिंगा को कन्धों पर उठाकर जीत का जश्न मनाया।
मुंबई का यह पांचवां फाइनल था और उसने चौथी बार खिताब अपने नाम किया। मुंबई ने इससे पहले 2013, 2015 तथा 2017 में खिताब जीता था। गत चैंपियन चेन्नई ने एक रन की हार के साथ अपना खिताब गंवा दिया। चेन्नई के लिए 80 रन बनाने वाले शेन वॉटसन का आखिरी ओवर में रन आउट होना चेन्नई को चोट पहुंचा गया और चेन्नई का चौथी बार खिताब जीतने का सपना टूट गया।
लक्ष्य का पीछा करते हुए चेन्नई ने अच्छी शुरुआत की और पिछले मैच के मैन ऑफ द मैच फाफ डू प्लेसिस ने तेजी से 13 गेंदों में तीन चौकों और एक छक्के की मदद से 26 रन ठोके लेकिन एक बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में वह लेफ्ट आर्म स्पिनर क्रुणाल पांड्या की गेंद की लाइन चूके और क्विंटन डी कॉक ने उन्हें आसानी से स्टंप कर दिया। चेन्नई का पहला विकेट चौथे ओवर की आखिरी गेंद पर 33 के स्कोर पर गिरा।
पिछले मैच में अर्धशतक बनाने वाले शेन वॉटसन ने सुरेश रैना के साथ दूसरे विकेट के लिए 37 रन जोड़े। रैना को राहुल चाहर ने पगबाधा किया। रैना ने डीआरएस लिया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ और उन्हें पवेलियन लौटना पड़ा। रैना ने 14 गेंदों में मात्र आठ रन बनाये। चेन्नई का दूसरा विकेट 70 पर गिरा। अंबाती रायुडू 1 रन बनाने के बाद जसप्रीत बुमराह की गेंद पर विकेट के पीछे लपके गए। चेन्नई ने अपना तीसरा विकेट 73 के स्कोर पर गंवाया।
चेन्नई दो विकेट जल्दी-जल्दी गिरने के बाद दबाव में आ गयी। अब मैदान पर वॉटसन का साथ देने उतरे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी लेकिन 13वें ओवर में धोनी के रन आउट का मामला फंस गया और तीसरे अंपायर ने कई रिप्ले देखने के बाद धोनी को रन आउट करार दे दिया। धोनी के रन आउट होते ही मुंबई का पूरा खेमा ख़ुशी से उछल पड़ा। धोनी ने ओवर थ्रो होने पर दूसरा रन चुराने की कोशिश की और ईशान किशन का सीधा थ्रो स्टंप्स से टकरा गया। धोनी ने 8 गेंदों में 2 रन बनाए और चेन्नई का चौथा विकेट 82 के स्कोर पर गिरा।
14वें ओवर में राहुल चाहर ने अपनी ही गेंद पर वॉटसन का कैच छोड़ दिया। वॉटसन का उस समय स्कोर 42 और टीम का स्कोर 85 रन था। राहुल चाहर ने अपना स्पैल चार ओवर में 14 रन पर एक विकेट के साथ समाप्त किया। मुंबई ने वापसी करते हुए चेन्नई को जबरदस्त दबाव में ला दिया था।
रन सूख रहे थे और चेन्नई को बड़े शॉट की जरूरत थी। आखिर ड्वेन ब्रावो ने 16वें ओवर में लसित मलिंगा की पहली गेंद पर छक्का उड़ा दिया। इस ओवर की तीसरी गेंद को वॉटसन ने थर्डमैन पर चौके के लिए निकाल दिया।
वॉटसन ने चौथी गेंद पर चौका मारकर चेन्नई के 100 रन पूरे कर दिए और साथ ही अपने 50 रन भी पूरे कर लिए। वॉटसन का यह लगातार दूसरा अर्धशतक था। वॉटसन ने पांचवीं गेंद पर भी चौका जड़ दिया। इस ओवर में 20 रन गए और चेन्नई के खेमे ने कुछ राहत की सांस ली।
17वें ओवर में बुमराह की गेंद पर वॉटसन का आसान कैच राहुल चाहर ने टपका दिया। बुमराह ने इस ओवर में सिर्फ चार रन दिए। चेन्नई को अब आखिरी 18 गेंदों पर 38 रन की जरूरत थी। 18वां ओवर लेफ्ट आर्म स्पिनर क्रुणाल पांड्या के हाथों में था और वॉटसन ने दूसरी गेंद को छक्के के लिए उड़ा दिया।
तीसरी गेंद पर भी छक्का पड़ा। चौथी गेंद भी छक्के के लिए दर्शकों के बीच पहुंच चुकी थी। लगातार तीन छक्कों से इस ओवर में भी 20 रन गए और चेन्नई के लिए आंकड़ा 12 गेंदों में 18 रन का रह गया।
19वां ओवर बुमराह डाल रहे थे और दूसरी गेंद पर ब्रावो विकेटकीपर के हाथों लपके गए। मैच कांटे का हो चला था। रवींद्र जडेजा ने आने के साथ ही दो रन लिए। अगली गेंद डॉट रही। जडेजा ने फिर दो रन निकाले। आखिरी गेंद विकेटकीपर डी कॉक के दस्तानों से लगकर छिटकी और बॉउंड्री पार कर गयी। तोहफे के इन चार रनों ने आखिरी छह गेंदों पर नौ रन का आंकड़ा कर दिया।
आखिरी ओवर में मलिंगा की पहली गेंद पर 1 रन गया। दूसरी गेंद पर जडेजा ने सिंगल चुरा लिया। दर्शकों की धड़कनें तेज होती जा रही थीं। तीसरी गेंद पर वॉटसन ने 2 रन लिए लेकिन चौथी गेंद पर वॉटसन दूसरा रन लेने की कोशिश में रन आउट हो गए।
वॉटसन ने 59 गेंदों पर 8 चौकों और 4 छक्कों की मदद से 80 रन बनाये। चेन्नई को अब 2 गेंदों पर 4 रन चाहिए थे। पांचवीं गेंद पर 2 रन से स्कोर 148 रन हो गया। अब एक गेंद और चेन्नई को चाहिए थे 2 रन। मलिंगा ने शार्दुल ठाकुर को आखिरी गेंद पर पगबाधा कर मुंबई को जश्न में डुबो दिया।
इससे पहले कैरेबियाई धुरंधर कीरोन पोलार्ड की नाबाद 41 रन की शानदार पारी की बदौलत मुंबई इंडियंस ने आठ विकेट पर 149 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाया।पोलार्ड ने 25 गेंदों पर नाबाद 41 रन में तीन चौके और तीन छक्के लगाए। पोलार्ड ने पारी की आखिरी 2 गेंदों पर ड्वेन ब्रावो पर 2 चौके मारकर मुंबई को 149 तक पहुंचाया। ओपनर क्विंटन डी कॉक ने 29, कप्तान रोहित शर्मा ने 15, सूर्यकुमार यादव ने 15, ईशान किशन ने 23 और हार्दिक पांड्या ने 16 रन बनाए।
मुंबई के कप्तान रोहित ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। टीम की शुरुआत अच्छी रही और डी कॉक तथा रोहित ने पहले विकेट के लिए 45 रन की साझेदारी की लेकिन मुंबई ने फिर इसी स्कोर पर दोनों ओपनरों के विकेट गंवा दिए। डी कॉक को शार्दुल ठाकुर ने और रोहित को दीपक चाहर ने आउट किया। दोनों ओपनरों के कैच विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ने लपके। डी कॉक ने 17 गेंदों पर 29 रन में 4 छक्के लगाए जबकि रोहित ने 14 गेंदों पर 15 रन में 1 चौका और 1 छक्का लगाया।
सूर्यकुमार और किशन ने तीसरे विकेट के लिए 37 रन जोड़े लेकिन लेग स्पिनर इमरान ताहिर ने सूर्यकुमार को बोल्ड कर इस साझेदारी को तोड़ दिया। सूर्यकुमार ने 17 गेंदों पर 15 रन में एक चौका लगाया। क्रुणाल पांड्या सात रन बनाने के बाद शार्दुल ठाकुर को उन्हीं की गेंद पर कैच थमा बैठे। किशन को ताहिर ने सुरेश रैना के हाथों कैच करा दिया। किशन ने 26 गेंदों पर 23 रन में तीन चौके लगाए।
हार्दिक पांड्या 10 गेंदों में एक चौके और एक छक्के की मदद से 16 रन बनाकर चाहर की गेंद पर पगबाधा हो गए। चाहर ने राहुल को खाता खोलने का मौका नहीं दिया जबकि मिशेल मैकक्लेनेघन खाता खोले बिना रन आउट हो गए। पोलार्ड ने कुछ बुलंद शॉट लगाए और मुंबई को लड़ने लायक स्कोर तक पहुंचाया।चेन्नई की तरफ से चाहर ने 26 रन पर 3 विकेट, ठाकुर ने 37 रन पर 2 विकेट और ताहिर ने 23 रन पर दो विकेट लिए।