बीसीसीआई ने सभी टीमों को सूचित किया है कि पूरे आईपीएल के दौरान उनका कोरोना टीकाकरण नहीं किया जाएगा। अगर कोई खिलाड़ी या अन्य व्यक्ति कोरोना से संक्रमित पाया जाता है तो उसे कम से कम 10 दिनों तक आइसोलेशन में रहना होगा और फिर कोरोना टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट आने और अन्य औपचारिकताओं के बाद ही बायो-बबल (जैव सुरक्षित वातावरण) में दोबारा प्रवेश दिया जाएगा। ' बबल इंटेग्रिटी मैनेजर्स ' इस प्रक्रिया पर कड़ी निगरानी रखेंगे और किसी तरह का उल्लंघन होने पर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट करेंगे, हालांकि आईपीएल ने यह स्पष्ट किया है कि अगर कोई खिलाड़ी या अन्य व्यक्ति टूर्नामेंट के बायो बबल में प्रवेश से पहले वैक्सीन लगवाता है तो उसे क्वारंटीन में रहना होगा और टेस्टिंग प्रक्रिया से गुजरना होगा।
बीसीसीआई ने इन गाइडलाइंस को आईपीएल की मानक संचालक प्रक्रिया (एसओपी) में स्वास्थ्य एवं सुरक्षा प्रोटोकॉल के रूप में नामित किया है। सभी टीमों को इनसे अवगत करा दिया गया है। इन एसओपी के तहत बीसीसीआई आईपीएल के लिए कुल 12 बायो बबल बनाएगा, जिसमें से आठ टीमों के लिए, दो मैच अधिकारियों और दो मैच प्रबंधन टीम, जबकि दो ब्रॉडकास्ट कॉमेंटेटर और क्रू के लिए होंगे।
बीसीसीआई द्वारा जारी गाइडलांइस के मुताबिक किसी भी व्यक्ति को आईपीएल में बायो बबल में प्रवेश से पहले सात दिन के अनिवार्य क्वारंटीन में रहना होगा, जबकि खिलाड़ी अपनी राष्ट्रीय टीम के बायो बबल से सीधे फ्रेंचाइजी के बायो बबल में आ सकते हैं। बीसीसीआई ने विशेष तौर पर भारतीय और इंग्लैंड की टीम को बड़ी राहत दी है। इस समय दोनों टीमें सीरीज खेल रही हैं और ऐसे में बीसीसीआई ने भारत और इंग्लैंड के खिलाड़ियों को बिना क्वारंटीन से गुजरे आईपीएल फ्रेंचाइजी के बायो बबल में प्रवेश की छूट दी है।