अब स्पिनर भी ले पा रहे हैं कोहली का विराट विकेट, विशेषज्ञ और फैंस को हुई चिंता

सोमवार, 9 मई 2022 (15:34 IST)
विराट कोहली को लगातार स्पिन गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ जूझता देख वेस्ट इंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज इयान बिशप ने चिंता व्यक्त की है। इस सीज़न विराट कोहली के बल्ले से सिर्फ़ एक अर्धशतक निकला है।

इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट भी महज़ 111.34 का ही रहा है, जो कि इस सीज़न में कम से कम 150 रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों में तीसरा सबसे कम है। विराट का औसत 19.64 का रह गया है। वह 12 मैचों में सिर्फ 216 रन बना पाए हैं।

रविवार को बैंगलोर बनाम हैदराबाद मैच का पहला ओवर डाल रहे बाएं हाथ के स्पिनर जगदीश सुचित की पहली ही गेंद पर विराट कोहली अपना विकेट गंवा बैठे थे।

इससे पहले वाले मैच में 10वें ओवर में मोईन अली की ऑफ़ ब्रेक पर लंबी ड्राइव लगाने गए कोहली 30 के निजी स्कोर पर बोल्ड हो गए। यह बिल्कुल पिछले साल चेन्नई टेस्ट के दौरान भी कोहली मोईन अली की गेंद पर कुछ इसी अंदाज़ में आउट हुए थे।

पैरों पर डाली गई जगदीश सुचित की यह पहली गेंद विराट कोहली ने लेग साइड में एक रन के लिए खेल दी लेकिन हवा में होने के कारण कप्तान केन विलियमसन ने इसको कैच कर लिया।यह गेंद उतनी खास नहीं थी फिर भी विराट कोहली अपना विकेट इस गेंद पर गंवा बैठे। यह तीसरा मौका है जब विराट कोहली इस सत्र में तीसरी बार गोल्डन डक पर आउट हुए हैं।

Giving more chances to Virat Kohli will be unfair to other talented players.@RCBTweets please drop him#कोहली#RCBvSRH@imVkohli @RCBTweets pic.twitter.com/IjeY86dfrK

— Iammohdsajid (@iammohdsajid7) May 8, 2022
इससे पहले कोहली ने पिछले बुधवार को कुल 16 डॉट गेंदें खेली। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो टाइम आउट पर इयन बिशप ने कहा, "10 से 15 गेंदों तक वह 100 के स्ट्राइक रेट या उससे भी नीचे थे। साफ़ तौर पर इंटेंट की कमी झलक रही थी।' तेज़ गेंदबाज़ के ख़िलाफ़ एकस्ट्रा कवर के ऊपर से छक्का लगाने के बाद उनका स्ट्राइक रेट 100 के ऊपर आ गया, लेकिन इसके बाद एक बार फिर वह पीछे चले गए।

बिशप ने आगे कहा, "यह कुछ ऐसा है जो हम काफ़ी समय से विराट के साथ होता देख रहे हैं, यह सिर्फ़ इस सीज़न की ही बात नहीं है। पिछले सीज़न में भी बल्कि कभी-कभी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी। वह फ़िर धीमे पड़ जाएंगे, जिसकी मुझे काफ़ी चिंता है। रॉस्टन चेज़ ने फ़रवरी में घरेलू सीरीज़ में उन्हें आउट किया, हमने उन्हें टेस्ट मैचों में ऑफ़ स्पिनर्स की गेंदों पर आउट होते देखा है। इसलिए कोहली का मुरीद होने के नाते मुझे काफ़ी चिंता है। जब कोहली अपने सर्वश्रेष्ठ पर होते हैं, तब मैं क्रिकेट देखा हूं, लिहाज़ा यह आलोचना नहीं है बल्कि अवलोकन है कि वह हर तरह के गेंदबाज़ की गेंदों पर आउट हो रहे हैं और वह उस तेज़ी के साथ खेल भी नहीं रहे हैं।"


बिशप ने कहा, "अगर आप हर गेंद में एक रन के स्ट्राइक रेट के हिसाब से बल्लेबाज़ी कर रहे हैं तो आपको पारी में काफ़ी डीप तक बल्लेबाज़ी करनी चाहिए और वह अपनी पारी को डीप भी नहीं ले जा पा रहे हैं। यह गेंदें आपके पास वापस भी नहीं आतीं। भले ही आरसीबी जीत गई, लेकिन स्कोर बोर्ड पर खड़ा गया उनका टोटल एक मैच विनिंग टोटल नहीं था।"

एक तरफ़ जहां बिशप ने कोहली द्वारा गेंदों को मिस किए जाने पर चिंता व्यक्त की तो वहीं डैनियल वेटोरी ने मोईन अली द्वारा टेस्ट मैच के अंदाज़ में आउट किए जाने की प्रशंसा की। वेटोरी ने कहा, "हरभजन सिंह और अश्विन उन्हें तेज़ गेंदें फेंकने की कोशिश किया करते थे और वह उनकी गेंदों पर सिंगल निकालने की जद्दोजहद करते दिखाई देते थे। वह दोनों पर हावी होने का प्रयास नहीं करते थे, लेकिन मोईन ऑफ़ स्टंप के बाहर से गेंद को स्पिन करा रहे थे। मोईन और उनके गेंदबाज़ी के अंदाज़ को इसका बहुत बड़ा श्रेय जाता है, इस तरह की गेंदों पर उन्हें संघर्ष करते देखा गया है। यह बहुत अच्छी गेंदबाज़ी थी जिसे कोहली के सिर्फ़ सिंगल निकालने के प्रयास ने और भी मदद की।"

मोईन ने दिखाया कि मिड-सीज़न में चेन्नई ने क्या मिस किया है। उन्हें टखने में चोट लगने के बाद कुछ मुक़ाबलों में बाहर बैठना पड़ा। मोईन ने चार ओवर में 28 रन देकर दो विकेट लिए। 14वें ओवर में कोटे का पूरे ओवर डालने के बाद तक आरसीबी अपनी पारी के पुनर्निमाण में लगी हुई थी।

वेटोरी ने कहा, "हमें यह मानना होगा कि मोईन ने वाक़ई अच्छी गेंदबाज़ी की। इस बात का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक ऑफ़ स्पिनर ने दाएं हाथ के बल्लेबाज़ पर इतना दबाव डाल दिया कि वह आक्रामक शैली में खेलने के बजाय सिंगल निकालने के प्रयास करते रहे। हालांकि बात इंटेंट की भी है, कभी ऐसा नहीं लगा कि कोहली सिंगल के अलावा और किसी खोज में लगे हुए हैं। जब कोहली अपनी लय में होते हैं तो वह ऑफ़ स्पिर्स की गेंदों पर सीधा प्रहार करते हैं। एक ओवर पहले मैक्सवेल के रन आउट होने ने भी उनके इंटेंट को प्रभावित किया होगा, वह यह सोच रहे होंगे कि उन्हें देर तक बल्लेबाज़ी करनी है।"

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