...अब आई गेंदबाजों की बारी

- कपिल निले

आईपीएल के शुरू होने से पहले सभी एक ही सुर में अपना राग अलापते नजर आ रहे थे कि क्रिकेट के इस नए रूप से पारंपरिक क्रिकेट को कहीं न कहीं जरूर झटका लगेगा, लेकिन बाद में सभी के विचार तुरंत बदल गए। मानों जैसे एक ही ओवर में तीन विकेट गिर गए हों। इसके साथ ही क्रिकेट जगत से जुड़ी हस्तियाँ यह सोचने में लग गई कि खेल इतना तेज होगा कि बल्लेबाज के अलावा किसी ओर को अपनी प्रतिभा देखने का मौका ही नहीं मिलेगा।

कुछ हद तक इस बात को आईपीएल के शुरुआती मैचों में भी सिध्द होते हुए देखा गया है, लेकिन बाद के मैचों को देखते हुए गेंदबाजों की चाँदी होती हुई दिखाई दे रही है। पहले जिस तरह बल्लेबाज गेंद को छक्के-चौकों की शक्ल देने में दिलचस्पी दिखा रहे थे, वही अब अपनी विकेट की गिल्लियों को बचाने में लगे रहते हैं।

आईपीएल के शुरुआती मैच में जहाँ कोलकाता ने 222 रन बनाए थे, वहीं अगले ही मैच में चेन्नई ने 240 रन का विशाल स्कोर अपनी विरोधी टीम के सामने रखा था। इतना ही नहीं, लीग की सबसे कमजोर टीमें कहीं जाने वाली डेक्कन (214) और मुंबई (202) ने भी 200 का विशाल स्कोर खड़ा करके दिखाया है।

इसके बाद भी कई टीमों ने 20-20 ओवर में 200 से ज्यादा का आँकड़ा पार किया। तब लगने लगा कि सिर्फ बल्लेबाजों को लीग मैचों में कुछ करने को आतुर हैं, जबकि थोड़े ही दिनों बाद यह भ्रम टूटने लगा और बल्लेबाजों की असलियत सबके सामने आना शुरू हो गई।

मात्र एक्का-दुक्का मैचों में प्रदर्शन कर स्टार बल्लेबाज ने दर्शकों को काफी निराश किया है। प्रदर्शन न कर पाने की वजह से कभी-कभी टीम का स्कोर सम्मानजनक स्थिति तक पहुँच पाना भी मुश्किल हुआ है और इसका पूरा श्रेय गेंदबाजों को ही दिया जा सकता है। जो इस फास्ट गेम के बावजूद अपनी गेंदबाजी में कसावट लगाने से नहीं चूक रहे है।

गेंदबाजी में अब तक सबसे बेहतरीन प्रदर्शन राजस्थान रॉयल्स के सोहेल तनवीर का रहा है, जिन्होंने 4 ओवर में मात्र 14 रन देखकर 6 विकेट झटके हैं। इस सूची में मुंबई इंडियन के आशीष नेहरा ने भी सिर्फ 13 रन खर्च कर तीन महत्वपूर्ण बल्लेबाजों को पैवेलियन का रास्ता दिखाया है, वहीं बेंगलोर रॉयल्स के जहीर खान और चेन्नई टीम के एम. गोनी ने भी मैच में 3-3 विकेट लेकर सूची में अपना नाम दर्ज कराया है। हालाँकि दोनों काफी महँगे साबित हुए हैं।

वैसे लीग ने बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों को बराबर मौका दिया है, लेकिन अब इसमें बल्लेबाज जिस तरह से फ्लॉप होते नजर आ रहे है, ठीक उसी तरह गेंदबाजों के प्रदर्शन में निखार आता दिखाई पड़ रहा है। लीग की वजह से बोर्ड के सामने भारतीय टीम के लिए काफी नए खिलाड़ी विकल्प के रूप में दिखाई दे रहे है। इसमें बल्लेबाजों औऱ गेंदबाजों दोनों ही शामिल हैं, जिनका प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय स्तर का है, जो वहाँ पर भी काफी अच्छी तरह खेल सकते हैं।


गेंदबाजों के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्श
नाम...............ओवर......रन........विके
सोहेल तनवीर......4........14...........6
जयसूर्या.............4........14..............3
आशीष नेहरा.......3........13............3
एम. गोनी..........4........34..............3
उमर गुल...........4........31............3
एम. कार्तिक......3.4.......17...........3
शेन वॉन............4........19............3
शाहीद अफरीदी....4........28...........3
जैकब ओरम.......4........32...........3
पीयूष चावला......4........28...........3

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