आईपीएल : फैसले की घड़ी

पहले आईपीएल टूर्नामेंट का प्रचार करने के लिए एक बात बड़े जोर-शोर से कही जा रही थी। आठ टीमें, 45 दिन और 59 मैचों का रोमांच। प्रचार के लिए गढ़ी गई यह लाइन क्रिकेट प्रेमियों को आन्दोलित कर रही थी।

अब सेमीफाइनल की टीमें तय हो चुकी हैं। राजस्थान रॉयल्स, किंग्स इलेवन पंजाब, चेन्नई सुपर किंग और दिल्ली डेयरडेविल्स टीमें सेमीफाइनल के लिए अपनी जगह बना चुकी हैं, जबकि कोलकाता नाइट राइडर्स, मुंबई इंडियन्स, बंगलोर रॉयल चैलेंजर्स और डेक्कन चार्जर्स बाहर हो चुकी हैं।

राजस्थान रॉयल्स अंक तालिका में सबसे ऊपर है और दिल्ली डेयरडेविल्स सेमीफाइनलिस्ट टीमों में सबसे नीचे। अगर ए और डी फार्मूला लगाया जाता है तो फिर राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली डेयरडेविल्स के बीच पहला सेमीफाइनल खेला जाएगा और दूसरा सेमीफाइनल होगा तालिका की ब‍ी और सी टीमों के बीच यानी किंग्स इलेवन पंजाब और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच।

राजस्थान का विजयी अभियान जारी है और अब तक उसने 13 में से 11 मैच जीते हैं। टीम के हौसले बुलंद हैं और उसके सारे खिलाड़ी फॉर्म में हैं। शेन वॉर्न की कप्तान‍ी में यह टीम किसी एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं है। जिस खिलाड़ी को मौका मिला उसने अपना काम बखूबी किया, यह राजस्थान रॉयल्स की सफलता का राज है। मुंबई इंडियन्स के खिलाफ पिछला मैच तो दो युवा खिलाड़ियों (नीरज पटेल और रवींद्र जड़ेजा) ने ही जिता दिया था। यह टीम चैंपियनों की तरह खेल रही है और अगर यही प्रदर्शन जारी रहा तो इस टीम को खिताब जीतने से कोई रोक नहीं सकता।

दूसरी तरफ है वीरेंद्र सहवाग की डेयरडेविल्स। गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग टूर्नामेंट के पहले दो ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा रन बनाए हैं। डेयरडेविल्स की सफलता की कहानी वीरू और गंभीर के बल्ले के आसपास ही घूमती है। अगर इन दोनों के बल्ले चले तो डेयरडेविल्स इतिहास रच सकती है। वैसे इस टीम में एबी डीविलियर्स और शोएब मलिक के अलावा कोई विदेशी बल्लेबाज नहीं है, लेकिन ये दोनों ही अब तक अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं, इसलिए इन्हें पिछले कुछ मैचों में बैंच पर ही बैठना पड़ा है। सेमीफाइनल में भी इनके अंतिम ग्यारह में शामिल होने के कोई आसार नजर नहीं आते।

चेन्नई सुपर किंग की बल्लेबाजी अपेक्षाकृत कमजोर नजर आती है। यदि महेंद्रसिंह धोनी और सुरेश रैना जल्दी आउट हो जाएँ तो पूरा मध्यक्रम बिखर जाता है। विद्युत शिवरामाकृष्णन और बद्रीनाथ अब तक दबाव में अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाएँ हैं। एबी मार्केल चेन्नई सुपर किंग के लिए एक उपयोगी खिलाड़ी हैं। स्टीफन फ्लेमिंग और पार्थिव पटेल की जोड़ी ने शुरुआत तो ठीक ही दी है, लेकिन फिर भी फ्लेमिंग अब तक इस टूर्नामेंट में अपने नैसर्गिक अंदाज में बल्लेबाजी नहीं कर पाएँ हैं।

किंग्स इलेवन पंजाब टीम संतुलित है। 80 के दशक में सुनते थे कि पाकिस्तान के जहीर अब्बास, ऑस्ट्रेलिया के डेविड बून, वेस्टइंडीज के गार्डन ग्रिनीज को रन मशीन कहा जाता था। यदि वर्तमान दौर में किसी को जानना है कि रन मशीन क्या होती है तो उसे शेन मार्श का नाम बता दीजिए। किंग्स इलेवन पंजाब के इस सलामी बल्लेबाज ने प्रत्येक मैच में रन बनाए हैं और अपनी टीम को जिताने में अहम योगदान दिया है।

किंग्स इलेवन पंजाब को कोई भी टीम कम नहीं आँक सकती। वास्तव में युवराज की कप्तानी वाली इस टीम को शुरू में कम ही आँका गया था, लेकिन फिलहाल यह प्रतियोगिता के चार मजबूत दावेदारों में से एक है।

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