अमित सिंह इंडियन प्रीमियर लीग में भले ही शेन वॉर्न के तुरुप के नए इक्के बन गए हों, लेकिन गुजरात के उनके रणजी कोच विमल जडेजा के अनुसार दाएँ हाथ के इस गेंदबाज का ब्रह्मास्त्र उनकी सटीकता, एक्यूरेसी और दृढ़ता है और उन्हें विश्वास है कि इनसे वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सफलता के झंडे गाड़ सकते हैं।
ND
मध्यम गति के गेंदबाज अमित पिछले दो साल से रणजी ट्रॉफी में भी अपना जलवा दिखा रहे हैं लेकिन तब किसी की नजर उन पर नहीं गई लेकिन आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स की तरफ से दो मैच में सात विकेट लेकर वे सभी की नजरों के तारे बन गए हैं।
जडेजा ने हालाँकि कहा कि वे आश्वस्त थे कि जब भी अमित को मौका मिलेगा वे खुद को साबित करने में सफल रहेंगे। उन्होंने अहमदाबाद से कहा कि मुझे खुशी है कि वे अवसर मिलने पर खुद को साबित करने में सफल रहे। वे बहुत सटीक गेंदबाज और आत्मविश्वास से भरे क्रिकेटर हैं। सफलता की उनकी भूख और आत्मविश्वास के साथ गेंदबाजी में सटीकता से हमें आशा थी वे सफल रहेंगे।
कामरान खान के गेंदबाजी एक्शन की रिपोर्ट होने के कारण अमित ने किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ आईपीएल में न सिर्फ अपना पहला मैच खेला बल्कि यह उनका पहला ट्वेंटी-20 मैच भी था, जिसकी पहली गेंद पर उन्होंने विकेट लिया और पहले ओवर में दो विकेट हासिल किए।
इसके बाद वे रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ 19 रन देकर चार विकेट लेते हुए 'मैन ऑफ द मैच' बने। जडेजा को उनके इस प्रदर्शन से विश्वास है कि राष्ट्रीय एकदिवसीय टीम के लिए उनके नाम पर विचार किया जाएगा।
जडेजा ने कहा कि उन्होंने रणजी ट्रॉफी में भी बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। पिछले सत्र में उन्होंने जयपुर में बेहतरीन गेंदबाजी की थी लेकिन आईपीएल का यह प्रदर्शन काफी मायने रखता है। मुझे विश्वास है कि इसे देखकर भविष्य में कम से कम एकदिवसीय टीम के लिए उनके नाम पर जरूर विचार किया जाएगा।
कर्नाटक के बीदर में 21 जून 1981 को जन्मे अमित ने रणजी ट्रॉफी के पिछले सत्र में छह मैच में 17 विकेट लिए थे जिसमें राजस्थान के खिलाफ जयपुर में 62 रन देकर 11 विकेट का मैच जिताने वाला प्रदर्शन भी शामिल है। इस मैच की दूसरी पारी में उन्होंने 31 रन देकर सात विकेट लिए थे जो प्रथम श्रेणी में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। अमित ने 2007-08 के रणजी सत्र में चार मैच में 15.61 की औसत से 18 विकेट लिए थे।
जडेजा ने हालाँकि अमित को आगाह भी किया क्योंकि ट्वेंटी-20 में किसी भी दिन गेंदबाज की धुनाई करने में देर नहीं लगती है। उन्होंने कहा कि ट्वेंटी-20 के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। यहाँ एक दिन गेंदबाज अच्छा प्रदर्शन करता है तो अगले दिन बल्लेबाज उस पर हावी हो सकते हैं। उन्हें अपनी लय बरकरार रखनी होगी और यदि वे लाइन लेंग्थ बनाए रखते हैं तो आगे भी सफल रहेंगे।
अमित रणजी मैचों में सिद्धार्थ त्रिवेदी और अशरफ मकड़ा की मौजूदगी के कारण तीसरे गेंदबाज के रूप में उतरते थे लेकिन वॉर्न ने उन्हें नई गेंद सौंपी है। जडेजा ने इस बारे में कहा कि वे तीनों अलग-अलग तरह के गेंदबाज हैं। सिद्धार्थ 'इंटेलिजेंट बॉलर' हैं जबकि मकड़ा काफी तेज गेंद फेंकते हैं। अमित का हथियार उसकी 'एक्यूरेसी' है।