दूसरों में भरोसा करने की जीत

रवीन्द्र व्यास

इस खेल की यही खूबी है। कोई एक ओवर, कोई एक शॉट, कोई एक कैच और मैच पूरी तरह पलट जाता है। गुरुवार की रात आईपीएल में यही हुआ। यह रोमांचक था। बेहद दिलचस्प। हर गेंद पर धड़कन बाउंस हो रही थी। यह आईपीएल का दसवाँ मैच था। राजस्थान रॉयल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच। यानी शिल्पा शेट्टी और शाहरुख खान की टीम के बीच। जिन्होंने यह मैच देखा वह फिर से यह महसूस कर सका कि क्रिकेट क्यों इतना अनिश्चित का खेल है।

इसका मजा दिखा आईपीएल के एक नए नियम सुपर ओवर में। यानी टाई हो तो हर टीम को एक-एक ओवर खेलना होगा। जिसके ज्यादा रन, वो जीता।

हार-जीत के मायने मैं कुछ-कुछ जानता हूँ। खेल में भी और जीवन में भी। खेल में भी कभी हारा हूँ और कभी जीता हूँ। जीवन में भी यह सब चलता रहता है। यह जानते हुए भी कि जीत-हार के अपने मायने हैं, मैं यहाँ जीत या हार की बात नहीं करना चाहता।

जो लोग खेल को और जीवन को भी जीत-हार से आगे देखने की तमीज रखते हैं, उनके लिए इस मैच में एक मर्म छिपा था। यही मर्म खेल को और जिंदगी को भी दिलकश औऱ जानदार बनाता है। उसके कुछ नए अर्थ देता है, कुछ अलग गरिमा देता है।

जिन्होंने यह देखा उन्होंने महसूस किया होगा। कोलकाता नाइट राइडर्स को आखिरी ओवर में जीत के लिए चाहिए थे केवल सात रन। ऐसे में राजस्थान रॉयल्स के कप्तान शेन वॉर्न ने आखिरी ओवर करने की जिम्मेदारी दी 18 साल के अनुभहीन गेंदबाज कामरान खान को। वॉर्न कामरान के पास जाते हैं। उसके सिर पर हाथ फेरते हैं। दोनों हाथों से उसके गालों को थपथपाते हैं। सालों से खेलकर हासिल तजुर्बे की रोशनी में वॉर्न अपने नए गेंदबाज कामरान को गेंद सौंपते हैं। अपनी समझ से और कामरान की सहमति लेते हुए फील्डिंग जमाते हैं। उनमें उत्तेजना और संयम एक साथ है। वे प्रोत्साहित करते है, विश्वास बढ़ाते हैं, निर्देश देते हैं।

लेकिन सबसे बड़ी बात है कि वे अपनी टीम के हर साथी में एक भरोसा जताते हैं। ताली बजाकर पीठ थपथपाते हैं। वे कैच लपकने पर पीठ थपथपाते हैं तो कैच छोड़ने पर ताली बजाते हुए अपने निराश खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाते हैं।

गुरुवार की रात आपने भी मैदान पर इस तरह के कई दृश्य देखे होंगे। यही शेन वॉर्न की खूबी है, यह खूबी इस खेल को खूबसूरत बनाती है। वे कामरान में पूरा भरोसा जताते हुए उसे आखिरी छह गेंद फेंकने के गेंद सौंप देते हैं। यह एक नए खिलाड़ी में विश्वास के पहाड़ को पैदा करने की खूबी है। दूसरों की काबिलियत को पढ़ने की खूबी है। दूसरों में हर असंभव को संभव कर देने का जज्बा पैदा कर देने की खूबी है। पीठ थपथपाते हुए...कंधे पर हाथ रखते हुए, सिर पर हाथ फेरते हुए...और अपने तजुर्बे की सीख देते हुए...

और इस खूबी का कमाल देखिए कि कामरान सौरव गांगुली को आउट कर देते हैं। और आखिरी गेंद पर बहुत धैर्य के साथ अपने विकेट कीपर को थ्रो देकर ईशांत शर्मा को रन आउट करवा देते हैं। और फिर सुपर ओवर में यूसुफ पठान की काबिलियत पर भरोसा है। वे अपने कप्तान का भरोसा नहीं तोड़ते, कोलकाता नाइट राइडर्स के छक्के छुडवा देते हैं।

तो यह है दूसरों में भरोसा पैदा करने की कलाकारी। यही नेतृत्व है। दूसरों की काबिलियत को समय रहते पढ़ लेना और उसे अपने लक्ष्य को हासिल करने में बेहतर ढंग से इस्तेमाल कर लेना। वस्तुतः यह दूसरों में भरोसे के साथ खुद अपने में भरोसा करने की कहानी है। यह कहानी इसीलिए खेल से निकलकर जिंदगी की सरहदों को छूती है। इस तरह की कामयाब कहानियाँ ही नया इतिहास रचती हैं। यह रोमांचक मैच यही बताता है। अपनी खूबियों और जज्बे के साथ। दूसरों में भरोसा करने की इच्छा के साथ।

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