राइडर्स को पीटकर वापसी कर सकते हैं चैलेंजर्स

मंगलवार, 12 मई 2009 (10:52 IST)
लगातार दो हार झेल चुके बेंगलुरु रॉयल चैलेंजंर्स के पास हार-र-हार से बेजार कोलकाता नाइट राइडर्स को हराकर इंडियन प्रीमियर लीग में वापसी का सुनहरा मौका है।

एक हफ्ता पहले बेंगलुरु लगातार तीन जीत के साथ अंकतालिका में चौथे स्थान पर था लेकिन सात दिन के भीतर मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स से शिकस्त झेलने के बाद अनिल कुंबले की टीम सातवें स्थान पर खिसक गई है।

अब नाइट राइडर्स के खिलाफ वे अपनी गलतियों को सुधार सकते हैं। आठ पराजय झेलने वाली ब्रेंडन मैक्कुलम की नाइट राइडर्स के पास खोने को कुछ नहीं है। अभी तक लगभग हर मैच में हर मोर्चे पर पिटी यह टीम सेमीफाइनल की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुकी है।

खिलाड़ियों का लगातार अच्छा नहीं खेल पाना बेंगलुरु की समस्या रही है। जैक कैलिस, मार्क बाउचर, राहुल द्रविड़ और रॉबिन उथप्पा पर अति निर्भरता ने बल्लेबाजी को प्रभावित किया है।

गेंदबाजी में अगुवाई करने वाले कुंबले ने अपनी साख के मुताबिक प्रदर्शन किया है, लेकिन दूसरे छोर से उन्हें अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहा।

वैसे रॉयल चैलेंजर्स को सौरव गांगुली जैसे अपार प्रतिभावान खिलाड़ी की मौजूदगी वाली टीम के खिलाफ आत्ममुग्धता से बचना होगा। आखिरी कुछ मैचों में प्रतिष्ठा बचाने के लिए यह टीम कोई भी उलटफेर कर सकती है।

गांगुली और ब्रैड हाज का साथ देने के लिए ऑस्ट्रेलियाई बिग हिटर डेविड हस्सी लौट आए हैं। गेंदबाजी में ईशांत शर्मा और अजित आगरकर को रफ्तार तो मिल रही है, लेकिन विकेट नहीं मिल पा रहे।

कोलकाता को टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा पराजय झेलने के डेक्कन चार्जर्स (12) के रिकॉर्ड को तोड़ने से बचने के लिए यह मैच जीतना होगा।

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