सचिन के प्रिय प्रतिद्वंद्वी हैं पाक, इंडीज और ऑस्ट्रेलिया
PTI
सचिन के प्रिय प्रतिद्वंद्वी हैं पाक, इंडीज और ऑस्ट्रेलिया सचिन तेंडुलकर, भारत, चैम्पियंस ट्रॉफी, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया Sachin Tendulkar, India, Champions Trophy, Pakistan, West Indies, Australia
नई दिल्ली। श्रीलंका में बेहतरीन प्रदर्शन करके रनों की अपनी भूख को फिर जगजाहिर करने वाले सचिन तेंडुलकर और उनके प्रशंसकों के लिए अच्छी खबर। इस मास्टर ब्लास्टर को चैंपियन्स ट्रॉफी के लीग चरण में उस ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और वेस्टइंडीज का सामना करना होगा, जिनके खिलाफ अक्सर उनका बल्ला रन उगलता रहा है।
वैसे दुनिया में कोई ऐसी टीम नहीं है जो तेंडुलकर के बल्ले की मार से बची हो लेकिन ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के खिलाफ वह कभी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं और आँकड़े भी यही कहानी बयाँ करते हैं। वेस्टइंडीज टेस्ट खेलने वाली एकमात्र टीम है जिसके खिलाफ एकदिवसीय क्रिकेट में उनका औसत 50 से उपर है।
तेंडुलकर ने अब तक 428 एकदिवसीय मैचों में 44.57 की औसत 16,895 रन बनाए हैं। इनमें से उन्होंने 2730 रन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाए हैं जिसमें आठ शतक और 14 अर्धशतक शामिल हैं। दुनिया की नंबर एक टीम के खिलाफ उनका औसत 46.27 है। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ भी 66 मैच में पाँच शतक और 14 अर्धशतक की मदद से 2381 रन बनाए हैं। इन दोनों टीमों के अलावा उन्होंने केवल श्रीलंका के खिलाफ 2000 से अधिक रन (2749) बनाए हैं।
जहाँ तक वेस्टइंडीज का सवाल है तो तेंडुलकर को कैरेबियाई टीम के खिलाफ 38 मैच ही खेलने को मिले हैं, जिसमें उनके नाम पर 54.17 की औसत से 1571 रन दर्ज हैं। दिलचस्प संयोग यह है कि पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के खिलाफ उनका सर्वाधिक स्कोर 141 रन है जबकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी सबसे बड़ी पारी 143 रन की है।
सबसे अहम बात यह है कि तेंडुलकर ने इन तीनों टीमों के खिलाफ तटस्थ स्थान पर हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है और चैंपियन्स ट्रॉफी भी दक्षिण अफ्रीका में खेली जाएगी। इसमें भारत 26 सितंबर को पाकिस्तान, 28 सितंबर को ऑस्ट्रेलिया और 30 सितंबर को वेस्टइंडीज से भिड़ेगा।
तेंडुलकर ने ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ तटस्थ स्थानों पर जो 15 मैच खेले हैं उनमें उन्होंने 51.73 की औसत से 776 रन बनाए हैं, जिसमें चार शतक शामिल हैं। यह अलग बात है कि इस टीम के खिलाफ तटस्थ स्थान पर उन्होंने अपना अंतिम शतक 1998 में लगाया था और संयोग देखिये कि 141 रन की यह पारी उन्होंने ढाका में पहली चैंपियन्स ट्रॉफी में खेली थी।
दक्षिण अफ्रीकी सरजमीं पर तेंडुलकर ने दो बार रिकी पोंटिंग की टीम का सामना किया। ये दोनों मैच विश्व कप 2003 में खेले गये जिसमें लीग चरण में उन्होंने सेंचुरियन में 36 रन बनाए जबकि जोहान्सबर्ग में खेले गए फाइनल में वह केवल चार रन बनाकर दिल तोड़ गए थे।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तेंडुलकर ने हालाँकि तटस्थ स्थान पर अंतिम मैच 2006 में क्वालालम्पुर में खेला था लेकिन फरवरी-मार्च 2008 में ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर उन्होंने त्रिकोणीय श्रृंखला में खूब रन बटोरे थे। फाइनल्स में सिडनी में नाबाद 117 और ब्रिस्बेन में 91 रन की उनकी पारी को भला कौन भूल सकता है।
पाकिस्तान के खिलाफ तटस्थ स्थानों पर तेंडुलकर ने अधिकतर मैच शारजाह या टोरंटो में खेले। इस तरह के 39 मैच में उन्होंने 43.81 की औसत से 1146 रन बनाए जबकि अपने इस पड़ोसी देश के खिलाफ उन्होंने भारतीय सरजमीं पर 32.50 और पाकिस्तानी धरती पर 36.92 की औसत से रन बनाए हैं। तेंडुलकर ने दक्षिण अफ्रीकी धरती पर पाकिस्तान के खिलाफ एकमात्र मैच सेंचुरियन में 2003 में खेला था और उसमें उन्होंने 98 रन की धमाकेदार पारी खेली थी।
उन्होंने पाकिस्तानी टीम के खिलाफ अंतिम मैच 2007 में भारतीय सरजमीं पर द्विपक्षीय श्रृंखला में खेले थे और तब उन्होंने चार मैच में 99, 29, 97, और 30 रन बनाकर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई थी।
कैरेबियाई टीम के खिलाफ भी तटस्थ मैदानों पर तेंडुलकर के बल्ले ने ज्यादा रन उगले हैं। ऐसे 16 मैच में उन्होंने 678 रन बनाए हैं, जिसमें उनका औसत 61.63 रहा है। वेस्टइंडीज के खिलाफ भी उन्होंने अंतिम मैच 2007 में खेला था। दोनों देशों के बीच भारत में खेली गई श्रृंखला के अंतिम दो मैच में उन्होंने चेन्नई में 60 और वड़ोदरा में नाबाद 100 रन बनाए थे। (भाषा)