सेंचुरियन। इंडियन प्रीमियर लीग में शतक जमाने वाले पहले भारतीय मनीष पांडे ने तय कर लिया है कि अब सेना की वर्दी में सरहद पर गोलियाँ चलाने की बजाय वे मैदान पर बल्ले से रन उगलना पसंद करेंगे।
बेंगलुरु रॉयल चैलेंजर्स के बल्लेबाज पांडे ने शुक्रवार को डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ नाबाद 114 रन बनाए थे। आईपीएल टू का यह दूसरा शतक है।
पांडे ने कहा कि सेना से जुड़ना उनके लिए दूसरा विकल्प है पर शायद अब उसे अपनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा अब इरादा बदल गया है। मेरे पास यह विकल्प था कि यदि क्रिकेट में कोई कमाल नहीं कर पाता हूँ तो सेना से जुड़ जाऊँगा।
उन्होंने कहा कि कप्तान अनिल कुंबले और कोच रे जेनिंग्स के भरोसे ने उन्हें इतने अहम मुकाबले में अच्छे प्रदर्शन की ऊर्जा दी। पांडे ने कहा टीम बैठक में कुंबले ने मुझे कहा कि मैं आज पारी की शुरुआत करूँगा। उन्होंने मुझ पर भरोसा जताते हुए कहा कि विकेट बहुत अच्छा है और खराब खेलने पर भी मैं रन बनाऊँगा।
उन्होंने कहा कि जेनिंग्स ने मुझे स्वाभाविक खेल दिखाने को कहा। उन्होंने कहा कि नाकामी से डरना नहीं और पूरा मजा लेना। अपनी पारी से प्रसन्न पांडे ने कहा यह अद्भुत है। मुझे लगा था कि आज मैं अच्छा खेल सकूँगा और ऐसा हुआ भी। जब मैं 87 रन पर था तो मुझे लगा कि शतक बना सकता हूँ। मुझे खुशी है कि एबी डिविलियर्स के बाद आईपीएल में दूसरा शतक जड़ सका।
उन्होंने कहा कि यह बल्लेबाजी के लिए अच्छा विकेट था। बल्ले पर गेंद बखूबी आ रही थी। मेरी टाइमिंग भी अच्छी रही। मैदान पर अपनी रणनीति के बारे में उन्होंने कहा मैंने जब सचिन तेंडुलकर को बल्लेबाजी करते देखा तो लगा कि मैं भी ऐसा ही प्रदर्शन कर सकता हूँ। मैं तेंडुलकर का मुरीद हूँ।