राजस्थान पर मुंबई का पलड़ा भारी

गुरुवार, 14 मई 2009 (10:58 IST)
आक्रामक रणनीति के दम पर राजस्थान रॉयल्स की टीम में जान फूँकने वाले कप्तान शेन वॉर्न ी माँसपेशियों में खिंचाव के कारण बाहर होने से जयपुर की टीम को इंडियन प्रीमियर लीग में फॉर्म में चल रही मुंबई इंडियन्स को रोकने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना होगा।

वॉर्न के चोटिल होने के चलते मुंबई इंडियन्स के कप्तान सचिन तेंडुलकर से उनका बहुप्रतीक्षित मुकाबला एक बार फिर नहीं हो पाएगा। टूर्नामेंट में इन दोनों टीमों का पहला मैच भी बारिश की भेंट चढ़ गया था।

दोनों टीमों के 11 मैचों के बाद 11 अंक हैं लेकिन मुंबई की टीम बेहतर नेट रन रेट के आधार पर चौथे स्थान पर है और गुरुवार का मैच सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिहाज से महत्वपूर्ण है।

राजस्थान की टीम की मौजूदा फॉर्म बहुत अच्छा नहीं है और पिछले दो मैचों में चेन्नई सुपर किंग्स और डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ हार के बाद गत विजेता टीम को वॉर्न की कमी खलेगी।

दूसरी तरफ मुंबई की टीम लगातार तीन हार से उबर गई लगती है और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ जीत के बाद एक बार फिर सेमीफाइनल में दौड़ में शामिल हो गई है।

तेंडुलकर और जेपी डुमिनी की अगुआई में मुंबई की टीम की बल्लेबाजी काफी मजबूत दिख रही है जबकि ड्वेन ब्रावो और अजिंक्या रहाणे का बल्ला भी रन उगल रहा है।

सनथ जयसूर्या की फार्म हालाँकि तेंडुलकर की टीम के लिए चिंता का कारण है। मुंबई के गेंदबाजों का प्रदर्शन भी प्रभावी रहा है और टीम को अब तक चोटिल तेज गेंदबाज जहीर खान की अधिक कमी नहीं खली है। लसिथ मलिंगा और हरभजन सिंह टीम के आक्रमण के सूत्रधार हैं।

इसके विपरीत राजस्थान की बल्लेबाजी काफी हद तक ग्रीम स्मिथ और यूसुफ पठान पर निर्भर है। हालाँकि पहले स्वदेश वापस भेज दिए गए नमन ओझा ने अपनी बल्लेबाजी से हैरान किया है।

हालाँकि संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के कारण तेज गेंदबाजों कामरान खान और अमितसिंह की गैरमौजूदगी से टीम का गेंदबाजी आक्रमण काफी कमजोर हुआ है जबकि वॉर्न की चोट से उसकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं और देखना होगा कि टीम इससे कैसे उबरती है।

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