ताबड़तोड़ क्रिकेट के तमाशे में कभी सबसे कमजोर आँकी गई टीम को चैम्पियन बनाने वाले शेन वॉर्न इस बार कोई करिश्मा नहीं कर पाए। पिछले साल की डार्कहार्स राजस्थान रॉयल्स अगर इस बार खिताब की दौड़ से लीग चरण में ही बाहर हो गई तो उसका कारण शेन वॉटसन और सोहेल तनवीर रूपी तुरूप के दो पत्तों की गैरमौजूदगी भी रही।
आईपीएल-वन के प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट ऑस्ट्रेलिया के ऑलराउंडर वॉटसन ने पहले सत्र में 15 मैचों में 22.52 की प्रभावी औसत से 17 विकेट चटकाने के अलावा 47.20 की बेजोड़ औसत से 472 रन भी बनाए थे। यह ऑलराउंडर हालाँकि पाकिस्तान के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की एकदिवसीय श्रृंखला के कारण इस बार आईपीएल के शुरुआती मैचों में नहीं खेल पाया जबकि बाकी मैचों में हिस्सा लेने के लिए उनके बोर्ड की मेडिकल समिति ने उन्हें इजाजत नहीं दी।
दूसरी तरफ पाकिस्तान के तेज गेंदबाज तनवीर ने पिछले साल 11 मैच में सिर्फ 12.09 की औसत से सर्वाधिक 22 विकेट चटकाकर पर्पल कैप हासिल की थी, लेकिन पिछले साल मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाक के संबंधों में आई खटास के बाद उनके देश ने अपने खिलाड़ियों को इस भारतीय ट्वेंटी-20 लीग में खेलने की इजाजत नहीं दी।
इन दोनों स्टार खिलाड़ियों के अलावा रॉयल्स के कप्तान शेन वॉर्न, दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ, यूसुफ पठान और स्वप्निल असनोदकर भी अपने पिछले साल के प्रदर्शन को दोहराने में नाकाम रहे जिसने इस गत चैम्पियन टीम के लचर प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाई।
राजस्थान रॉयल्स की टीम आईपीएल-टू में 14 मैचों में 13 अंक के साथ छठे स्थान पर रही, जिसके लिए उसकी खराब बल्लेबाजी काफी हद तक जिम्मेदार रही। आईपीएल के पहले टूर्नामेंट में 49 की औसत से तीन अर्धशतक की मदद से 441 रन बनाकर शीर्ष पाँच बल्लेबाजों में शुमार रहे ग्रीम स्मिथ के बल्ले पर अपनी सरजमीं पर खेले गए दूसरे टूर्नामेंट में जंग ही लगा रहा और वह 12 मैचों में केवल 19.27 की औसत से 212 रन ही जुटा पाए जिसमें केवल एक अर्धशतक शामिल है।
दक्षिण अफ्रीका के दर्शकों को एक-दो अवसरों को छोड़कर यूसुफ पठान की आक्रामक बल्लेबाजी के नजारे देखने के लिए भी तरसना पड़ा। इस ऑलराउंडर ने पिछले साल 16 मैचों में 34.55 की औसत से 435 रन ठोंककर कई बार नाजुक मौकों पर अगले दम पर टीम की नैया को पार लगाया था, लेकिन इस बार वे 20.25 मामूली औसत से 243 रन ही बना पाए। उन्होंने पिछले बार चार अर्धशतक लगाए, जबकि दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने केवल एक बार 50 रन का आँकड़ा पार किया।
आईपीएल के पहले टूर्नामेंट में असनोदकर के करारे शाटों को कौन भूल सकता है, लेकिन नाटे कद का यह बल्लेबाज इस बार रनों के लिए जूझता दिखा और पूरे टूर्नामेंट में सौ रन भी नहीं जुटा पाया। उन्होंने इस बार 12.25 की बेहद खराब औसत से 98 रन बनाए, जबकि पिछले साल उनके नाम 34.55 की औसत से 311 रन दर्ज हैं।
गेंदबाजी में कप्तान शेन वॉर्न भी अपने पिछले साल के करिश्माई प्रदर्शन को दोहराने में नाकाम रहे। ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व दिग्गज स्पिनर ने पिछले साल 15 मैचों में 19 विकेट चटकाए थे, लेकिन इस बार वे 13 मैचों में 26 से अधिक की औसत से सिर्फ 14 विकेट ही ले पाए।