विराट कोहली और अनुष्का शर्मा को लोग अक्सर "पावर कपल" कहते हैं, लेकिन उनकी कहानी सिर्फ ग्लैमर या सोशल मीडिया की लाइमलाइट तक सीमित नहीं है। उनकी कहानी असल में उस गहराई की है, जहां प्यार, समझ, और आत्मिक जुड़ाव ने विराट की पूरी ज़िंदगी को एक नया आकार दिया है। एक समय था जब अनुष्का को कुछ क्रिकेट फैंस ने गलत समझा। जब विराट फॉर्म में नहीं रहते, तो कई लोग अनुष्का को ही दोष देने लगते। उन्हें 'पनौती' तक कहा गया। लेकिन सच्चा प्यार सिर्फ अच्छे वक्तों में साथ नहीं चलता, वो तो हर हार, हर मुश्किल, हर आंसू में भी साथ देता है। और यही अनुष्का ने करके दिखाया।
जब तूफ़ान आया, तब भी वो दीवार बनकर खड़ी रहीं
क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं है, बल्कि उसमें खिलाड़ी की पूरी मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक परीक्षा होती है। विराट कोहली का सफर बेहद ऊंचाइयों और गहराइयों से भरा रहा है। और हर उतार-चढ़ाव में अनुष्का उनके साथ रहीं,कभी चुपचाप सहारा बनकर, कभी एक मुस्कान में उम्मीद देकर।
अनुष्का ने विराट को एक बेहतर इंसान बनने में मदद की है, वो अब ज़्यादा शांत हैं, सोच-समझकर फैसले लेते हैं, एक जिम्मेदार पति और पिता हैं, और अब तो आध्यात्मिक रास्ते पर भी चल पड़े हैं। यह बदलाव अनुष्का के असर का नतीजा है। एक ऐसा असर जो शोर नहीं करता, लेकिन अंदर तक महसूस होता है।
हार की बांहों में दिलासा, जीत की आंखों में आंसू
जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया से ODI वर्ल्ड कप फाइनल हारा, तब वह हार सिर्फ मैदान पर नहीं थी, वह विराट के दिल में भी उतर गई थी। लेकिन जब वो थके हुए और टूटे हुए थे, तब अनुष्का ने उन्हें गले लगाकर वो दिलासा दिया जो शब्दों में नहीं होता। उन्होंने अपने प्यार से यह एहसास दिलाया कि जब आप अपना सब कुछ देते हैं, तब भी अगर परिणाम न मिले, तो उसमें भी आपकी जीत छुपी होती है।
और फिर कुछ महीनों बाद, जून 2024 में, भारत ने T20 वर्ल्ड कप जीत लिया। उस वक्त विराट की मुस्कान और अनुष्का की आंखों की चमक इस बात की गवाह थी कि यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी की नहीं थी, यह उन दोनों की शेयर की हुई जर्नी की भी जीत थी।
अनुष्का ने अपना करियर होल्ड पर रखा, ताकि परिवार और विराट को समय दे सकें। विराट ने कई बार कहा है कि अनुष्का उनके लिए एक दीवार की तरह हैं, एक ऐसा घर है जहां वो थक हारकर लौटते हैं, वो सुकूं हैं जहां उन्हें दुनिया का शोर नहीं सुनाई देता। मैदान में जब वो अनुष्का की ओर फ्लाइंग किस भेजते हैं, तो वो सिर्फ एक इशारा नहीं होता, वो धन्यवाद होता है, उस प्यार का जो उनकी ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत हिस्सा है।
उनकी कहानी सिर्फ मैदान की जीत-हार की नहीं है। वो एक साथ एक आध्यात्मिक यात्रा पर भी निकले हैं। विराट ने जब 12 मई 2025 को अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की, तो उसी के बाद सबसे पहले वे और अनुष्का प्रेमानंद जी आश्रम गए। वहां उन्होंने कुछ समय शांत माहौल में बिताया, प्रेमानंद जी से बात की, प्रेमानदं जी महाराज ने उन्हें राधे कृष्णा के नाम का असर भी गहराई से समझाया। विराट की मुस्कराहट ऐसी दिखाई दे रही थी जैसे उन्होंने एक नई शुरुआत के पहले खुद को अंदर से साफ़ किया हो या अब वे खुदको भीतर से और भी गहराई से समझने की यात्रा पर जाना चाहते हों।
इसके कुछ समय बाद, लखनऊ सुपर जायंट्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के मुकाबले से पहले दोनों हनुमान गढ़ी, अयोध्या में दर्शन के लिए पहुंचे। वहां की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर छा गए। लेकिन उनका वहां जाना किसी दिखावे के लिए नहीं था। यह उनके उस आध्यात्मिक सफर का हिस्सा था जहां वो आत्मिक सुकून और ईश्वर से जुड़ाव ढूंढ़ रहे थे, एक ऐसा रास्ता जिस पर अनुष्का विराट का हाथ थामे, धीरे-धीरे उन्हें आगे ले जा रही हैं।
इस तेज़ दुनिया में, जहां सब कुछ नंबर, रिकॉर्ड्स और ट्रॉफियों में तौला जाता है, वहां अनुष्का शर्मा का विराट कोहली पर पड़ा गहरा लेकिन चुपचाप असर एक अलग ही कहानी कहता है। यह उस प्रेम की कहानी है जो चिल्लाता नहीं, लेकिन हर कदम पर साथ चलता है। यह उस साथ की कहानी है जो विराट को सिर्फ एक बेहतरीन खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि एक बेहतर इंसान बनने में मदद करता है।
यह एक ऐसी प्रेम कहानी है, जो हर दिल को छू जाती है, जो हमें याद दिलाती है कि सच्चा प्यार सिर्फ रोमांस नहीं होता, वो एक शक्ति होती है, जो जीवन बदल सकती है।