Brat Lee on Mayank Yadav Injury LSG : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ब्रेट ली का मानना है कि लखनऊ सुपर जाइंट्स (Lucknow Super Giants) ने मयंक यादव की चोट का सही तरह से प्रबंधन नहीं किया। उन्होंने सुझाव दिया कि पेट में दर्द के कारण बाहर होने के बाद इस युवा तेज गेंदबाज को समय से पहले IPL में वापस लाया गया।
21 साल के मयंक को सात अप्रैल को गुजरात टाइटंस (Gujarat Titans) के खिलाफ मैच के दौरान पेट में जकड़न महसूस हुई। यह उनका तीसरा आईपीएल मैच था और उन्होंने अपनी तेज गति से सभी को प्रभावित किया और अपने शुरुआती दोनों मैच में मैन ऑफ द मैच बने।
His 1st game coming back and getting injured has to directly be on leadership and LSG medical staff. You wish he got right advice... Mayank Yadav is going to miss World Cup!#BrettLee blasts #LucknowSuperGiants for handing of #MayankYadavs injury https://t.co/CtxoaZFLGg
उन्होंने मंगलवार को लखनऊ में मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) के खिलाफ सुपर जाइंट्स की जीत के दौरान वापसी की लेकिन चोटिल होने के कारण अपना चौथा ओवर पूरा किए बिना मैदान से बाहर चले गए।
लखनऊ के कोच जस्टिन लैंगर ने कहा कि इस युवा तेज गेंदबाज को उसी स्थान पर दर्द महसूस हो रहा है जिसके कारण वह लगभग तीन सप्ताह तक मैदान से बाहर रहे थे।
खेल के सबसे तूफानी तेज गेंदबाजों में से एक रहे ली ने इसका दोष लखनऊ टीम के शीर्ष प्रबंधन और मेडिकल स्टाफ पर मढ़ा।
ली ने Jio Cinema की विज्ञप्ति में कहा, साइड स्ट्रेन या इसे जो भी कहा जाए, सामान्यतः इसे ठीक होने में कम से कम चार से छह सप्ताह लगते हैं। हमें नहीं पता कि यह कितना गंभीर है लेकिन जो व्यक्ति 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करके अपने शरीर पर बोझ डाल रहा है उसके लिए यह बिलकुल भी अच्छा प्रबंधन नहीं है।
उन्होंने कहा, वापसी करते हुए उसका पहला मैच और चोटिल हो जाना, इसकी जिम्मेदारी सीधे लखनऊ सुपर जाइंट्स के नेतृत्व समूह और मेडिकल स्टाफ पर होनी चाहिए।
ऑस्ट्रेलिया के लिए 1999 से 2008 के बीच 76 टेस्ट मैच में 310 विकेट लेने वाले 47 वर्षीय ली ने मयंक के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें सही सलाह मिलनी चाहिए थी।
ली ने कहा, एकमात्र व्यक्ति जिसे यह कीमत चुकानी पड़ी है वह मयंक है। आईपीएल में हर कोई यह देखना पसंद करता है कि उसकी क्षमता क्या है। आप चाहते हैं कि उसे सही सलाह मिलती जिससे कि उसे इससे नहीं गुजरना पड़ता।
उन्होंने कहा, अब शायद इसका मतलब यह होगा कि अगर कोई चोट लगी है तो वह विश्व कप से बाहर हो जाएगा। (भाषा)