अरबों लोगों की उम्मीदें मानवजीतसिंह संधू और अंजलि भागवत के कंधों पर होगी, क्योंकि भारत के ये दो शीर्ष निशानेबाज कल शूटिंग रेंज में ओलिम्पिक पदक हासिल करने का अभियान शुरू करेंगे।
जब राज्यवर्धनसिंह राठौड़ ने चार साल पहले एथेंस में रजत पदक हासिल किया था तो उन्होंने अपने साथी निशानेबाजों से उम्मीदों के स्तर को और बढ़ा दिया था। भारतीय खेल इतिहास में पहली बार ओलिम्पिक पदक की आशाओं दारोमदार नौ सदस्यीय निशानेबाजी दल पर होगा।
अंजलि के साथ युवा अवनीत कौर भी कल बीजिंग शूटिंग रेंज हाल में भारत की 10 मीटर एयर राइफल अभियान की शुरुआत करेंगे, जबकि मानवजीत और मनशेरसिंह पुरुष वर्ग के ट्रैप क्वालीफाइंग राउंड में अपने हुनर को दिखाएँगे।
समरेश जंग भी कल पुरुष वर्ग की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में उस प्रर्दशन को दोहराने की कोशिश करेंगे जो उन्होंने मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेलों में दिखाया और इसी के कारण उन्हें गोल्ड फिंगर के नाम से बुलाया जाता है। राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने पाँच स्वर्ण समेत सात पदक अपने नाम किए थे।
मानवजीत ने स्वीकार किया कि वह इस साल अभी तक अपेक्षानुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि उनकी कड़ी मेहनत बेकार नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर मैं ओलिम्पिक से पहले बड़ी जीत नहीं दर्ज कर पाया हूँ लेकिन मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूँगा।
मानवजीत ने कहा कि मैंने इटली में थोड़े समय के लिए ट्रेनिंग ली और यहाँ पिछले 10 दिन से अभ्यास कर रहा हूँ। मैंने वह सब कुछ किया जो मैं कर सकता था। मुझे लगता है कि सब कुछ निर्भर करेगा कि प्रतिस्पर्धा में मैं उस दिन कैसा प्रदर्शन करता हूँ।
कोच सन्नी थामस इस बीच दोनों महिला निशानेबाजों के अभ्यास के प्रदर्शन से खुश हैं। उन्होंने कहा कि अभ्यास में दोनों अच्छी फार्म में दिख रही हैं। मैं सिर्फ प्रार्थना कर रहा हूँ कि कल भी ऐसा ही हो। अंजलि इस समय अपने लक्ष्य पर केंद्रीत हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले दो ओलिम्पिक खेलों के अनुभव से उन्होंने काफी कुछ सीखा है और वह खुद को दबाव में नहीं रखेगी। उन्होंने कहा कि मैं खुद पर कोई भी दबाव नहीं डालूँगी।