अमेरिका की एक वेबसाइट विकीलीक्स ने एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए 2.5 लाख ऐसे गुप्त संदेशों को लीक कर दिया जिनसे जाहिर होता है कि अमेरिका ने कैसे अपने दूतावास के अधिकारियों का जासूसों के रूप में उपयोग किया। इन संदेशों में अमेरिका के दूतावास अधिकारियों की अन्य देशों के अधिकारियों से हुई बैठकों और गोपनीय बातचीतों का ब्यौरा है।
अमेरिका द्वारा अनगनित लोगों की जान खतरे में पड़ने की आशंका की दुहाई देने के बावजूद साइट ने इन दस्तावेज़ों को सार्वजनिक कर दिया है। इसी बीच विकीलीक्स के जिम्मेदार अधिकारियों ने दावा किया है कि इस गुप्त जानकारी को सर्वाजनिक करने के कारण उनकी वेबसाइट साइबर हमले के निशाने पर है और हैक की जा रही है। लेकिन वो इससे घबराने वाले नहीं हैं।
उधर अमेरिका ने अपने राजनयिको को जासूस बताए जाने का विरोध करते हुए वीकीलिक्स के इस खुलासे की निंदा की है और इसे गैरकानूनी बताया है। गौरतलब है कि सबसे पहले एक अमेरीकी सैनिक ने यह गुप्त जानकारी प्राप्त की और उसे हैकर्स और विकीलीक्स को मुहैया कराया। विकीलीक्स, वी ओपन गवर्मेंट्स विकीलीक्स एक ऐसी वेबसाइट है जो अज्ञात स्रोतों से प्राप्त गोपनीय जानकारी को सार्वजनिक करती है। जैसा की इसके स्लोगन (वी ओपन गवर्मेंट्स) से ही स्पष्ट है, इसका काम ही है सरकार के गोपनीय कारनामों को उजागर करना है।
यह वेबसाइट सनशाइन प्रेस द्वारा चलाई जाती है और इसके संस्थापक हैं जूलियन एसेंज जो एक ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार है। इस वेबसाइट को दिसंबर 2006 में लॉन्च किया गया था। लॉन्च होने के एक साल के भीतर ही इस वेबसाइट ने 10 लाख 20 हजार दस्तावेजों का संग्रह कर लिया था।
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विकीलीक्स खुद को, न पता लगाए जाने योग्य दस्तावेजों के रहस्योद्घाटन के एक नियंत्रित न किए जा सकने वाले सिस्टम के रूप में निरूपित करती है। विकीलीक्स ने अब तक कई मीडिया अवॉर्ड्स भी जीते हैं जिसमें 2008 में इकॉ नॉमिक मैगजीन न्यू मीडिया अवॉर्ड, 2009 में एमनेस्टी इंटरनेशनल का यूके मीडिया अवॉर्ड आदि शामिल है।
विकीलिक्स का पहला धमाका था 2006 में, सोमालिया में हुए एक हत्याकांड के बारे में गुप्त जानकारी का खुलासा। फिर डेयनिल एरप मोई फैमिली भ्रष्टाचार मामला और फिर मार्च 2003 में गवांटानामो खाड़ी नजरबंदी कैंप पर तैनात यूएस आर्मी के प्रोटोकॉल, स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स फॉर कैंप डेल्टा की कॉपी को नवंबर 2007 में विकीलीक्स पर सार्वजनिक किया गया था।
2008 में हुए पेरू तेल घोटाले में शामिल पेरू के एक नेता और एक व्यवसायी के बीच हुई बातचीत के टेलीफोन रिकॉर्ड्स भी जनवरी 2009 में विकीलिक्स पर जारी किए गए।
24 मार्च 2009 को ऑस्ट्रेलियन कम्युनिकेशन एंड मीडिया अथॉरिटी (एसीएमए) की ब्लैकलिस्ट साइट्स की सूची को सार्वजनिक करने के कारण विकीलीक्स के जर्मनडोमेन के रजिस्टेंट के घर पुलिस ने छापा भी मारा था लेकिन इससे साइट को कोई नुकसान नहीं पहुँचाया जा सका। बड़ा सवाल इंटरनेट की वेबसाइट पर हुए इस खुफिया भांडाफोड़ ने किसी भी देश के खुफिया तंत्र की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया। साथ ही इंटरनेट के बढ़ते प्रभाव पर भी प्रश्न चिह्न लगा दिया है। कोई भी जानकारी इंटरनेट पर सार्वजनिक होने का मतलब है उसका वैश्विक प्रकाशन जिससे जानकारी के स्वभाव के अनुसार उसके सदुपयोग और दुरुपयोग, दोनो की संभावना बढ़ जाती है।
विकीलीक्स द्वारा खुफिया जानकारी में इतनी शातिराना सेंधमारी करके किए गए ऐसे सनसनीखेज खुलासों के पीछे का मंतव्य या तो व्यवसायिक है या फिर यह अमेरिका के खिलाफ रचे जा रहे किसी षडयंत्र का हिस्सा है। क्योंकि अपने ही देश की गोपनीय जानकारी का खुलासा करने से किसी का भला नहीं हो सकता।
सभी देशों का अपना सुरक्षा तंत्र और रणनीति होती है और उन्हें ऐसा करने का पूरा अधिकार है। इसलिए अगर अमेरिका ने जासूसी करवाई भी है तो इसे पूरी तरह गलत नहीं कहा जा सकता। जब तक किसी देश के इरादे जाहिर तौर पर किसी दूसरे देश के लिए नुकसानदेह ना हो तब तक उस देश के खूफिया तंत्र पर सवाल नहीं उठाया जा सकता।
लेकिन अभी भी एक गंभीर सवाल बचता है कि क्या इंटरनेट पर ऐसे खुलासे करते हुए सुरक्षा तंत्र को कमजोर करना जायज है। क्या इंटरनेट का उपयोग से ज्यादा दुरुपयोग किया जा रहा है।