कैमरा खरीदें इस एंगल से

- स्वाति ओझा

यादों को सहजने का सबसे आसान रास्ता है फोटो। अब तो समर वेकेशंस भी शुरू हो गए हैं और आप भी जरूरी कहीं घूमने का प्‍लान बना रहे होंगे। इस प्‍लानिंग के अंदर अगर कि‍सी हि‍लस्‍टेशन के नजारों को कैद करने के लिए यदि आप कैमरा खरीदने की तैयारी कर रहे हैं तो इन बातों का ध्यान रखें-

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कैमरे तीन कैटगरी में आते हैं- प्वाइंट एंड शूट, प्रोसुमर और डीऔर डीएसएलआर। रोजमर्रा के उपयोग के लिए प्वाइंट एंड शूट कैमरे लेने चाहिए। फोटो के साथ खेलने वालों के लिए प्रोसुमर और प्रोफेशनल फोटोग्राफर्स के लिए डीएसएलआर कैमरे सर्वोतम होते है।

कई लोग कैमरे के मेगापिक्सेल को लेकर सोचते रहते हैं। अधिकतम मेगापिक्सेल एक अच्छी पिक्चर की गारंटी नहीं देता हैं। बल्कि मेगापिक्सेल का संबंध इमेज की साइज से होता है। जितने ज्यादा मेगापिक्सेल उतनी बड़ी इमेज। इसलिए कैमरा लेते समय इसके दूसरे फीचर्स जैसे आईएसओ, स्क्रीन साइज और ऑप्टिकल जूम पर ध्यान देना चाहिए।

कैमरे में दो तरह के जूम होते हैं- ऑप्टिकल और डिजीटल। कैमरा खरीदते समय ऑप्टिकल जूम को ज्यादा अहमियत दें। डिजीटल जूम पिक्चर को खींचने के बाद उसके साइज को बढ़ाने का काम करता है जिससे इमेज की क्वॉलिटी खराब होती है। जबकि ऑप्टिकल जूम इमेज को खींचने से पहले लेंस को सेट करता है। अधिकतर कैमरों में 3x ऑप्टिकल जूम आता है जो सामान्य जरूरतों के लिए काफी है।

कैमरे को खरीदने के तुरंत बाद उसकी एलसीडी डिसप्ले की सुरक्षा के लिए अच्छी क्वॉलिटी का स्केच गार्ड लगवा लें। प्रोसुमर और डीएसएलआर क्वॉलिटी के कैमरों के लिए लेंस को धूल से बचाने के लिए यूवी फिल्टर गार्ड लगवाएं।

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सभी कैमरों के मेमोरी कार्ड एक जैसे नहीं होते हैं। कई डिजीटल कैमरों में हाई स्पीड मैमोरी कार्ड से फायदा मिलता है। एसडी कार्ड की स्पीड उस पर लिखी रहती है। जो जितनी ज्यादा होगी वह उतना ही तेज स्पीड का होगा। इसके अलावा कार्ड की रेटिंग होती है। जहां 1x 150 केबीपीएस के बराबर है। क्लास 4 के कार्ड 26x और क्लास 6 के कार्ड 40x के होते हैं।

कई बार हाथ के हिलने पर फोटो बिगड़ जाती है विशेष रूप से जब शूटिंग की जगह बहुत कम लाईट हो। इस समय इमेज स्टेबलाइजर काम आता है। यह दो प्रकार के होते हैं- ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजर (इसमें कैमरे की मूवमेंट के हिसाब से लेंस या सेंसर मूव करता है) और डिजीटल स्टेबलाइजर (जिसमें सॉफ्टवेयर की मदद से कैमरे के हिलने को कंट्रोल किया जाता है)। इनमे ऑप्टिकल ज्यादा बेहतर होते हैं। कैमरा खरीदते समय इन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखें।

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