आज की इस भागदौड़ भरी जिन्दगी में हमारे पास हमारे अपनो के लिए भी समय कम पड़ गया है। हम एक साथ रहकर भी एक-दूसरे से बात नहीं कर पाते हैं। व्यस्तता की वजह से माँ-बाप, भाई-बहन या बीवी-बच्चों से बात किए हुए कई-कई दिन हो जाते हैं इन वजहों से रिश्ते में दूरियाँ बढ़ती चली जाती हैं और रिश्तों में दूरियाँ बढ़ने पर हम चाह कर भी उनसे कुछ कह नहीं पाते हैं।
वहीं कुछ मामलों में ऐसा भी होता है कि घर के किसी सदस्य से हम बात करने में हिचकिचाते हैं। ऐसे में रिश्ते में नजदीकियाँ लाने का काम कर सकता है मैसेज। जी हाँ एसएमएस और संदेश लिखकर आप दूरियों को कम कर सकते हैं। आप हर दिन कोई न कोई एसएमएस कर बिना बात किए भी एक-दूसरे के संपर्क में रह सकते हैं और दूरियों को नजदीकियों में बदल सकते हैं।
बहुत बार ऐसा होता है कि हम किसी से कुछ बोल नहीं पाते हैं लेकिन वही सारी बातें लिखकर उसके सामने आसानी से व्यक्त कर देते हैं। विकास को अपने पापा से डर लगता है इसी वजह से वह उनसे कुछ पूछने में हिचकिचाता रहता है, ऐसे में वह एसएमएस का सहारा लेता है।
विकास कहता है कि पापा से जब भी कुछ पूछना होता है पापा को एसएमएस कर देता हूँ पापा भी उसका जवाब एसएमएस के जरिए ही भेज देते हैं। ऐसे में पापा के गुस्से से भी बच जाता हूँ और काम भी निकल जाता है।
सिर्फ काम निकालने में ही एसएमएस काम नही आता है बल्कि अगर आपसे कोई नाराज है और आप सामने से जाकर सॉरी बोलने से डर रहे हैं तो उस स्थिति के लिए भी मैसेज कारगर होता है। मैसेज के जरिए आप किसी को भी आसानी से कुछ कह सकते हैं बेहिचक कुछ पूछ सकते हैं।
इससे आपका काम भी आसान हो जाएगा और आपकी नजदीकियाँ भी बनी रहेंगी। किसी को भी सॉरी और थैंक्स बोलने में कभी नहीं हिचकिचाएँ क्योंकि इससे रिश्ते मजबूत होते हैं। अगर आप सामने बोलने से हिचकिचा रहें हो तो एसएमएस के जरिए या कागज पर लिखकर दे दें।