आयोग ने 25 जुलाई के अपने आदेश में कंपनी से अंजना ब्रह्मभट्ट को 26 अगस्त, 2015 से 12 प्रतिशत ब्याज के साथ 44.50 रुपए अदा करने को कहा। पाटीदार आंदोलन के हिंसक होने की वजह से 27 अगस्त से 4 सितंबर 2015 के बीच मोबाइल इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई थीं। कंपनी ने जब पैसे लौटाने से इंकार कर दिया तो अंजना ने आयोग का दरवाजा खटखटाया। (भाषा)