यह ऐप सेल्फी से जुड़ी मौतें कम करने की एक कोशिश है। कैमरा जो तस्वीर देख रहा होता है, उसका रियल टाइम ऐनेलिसिस करता है और अगर कोई दृश्य खतरनाक लगता है तो वह उपयोगकर्ता को सतर्क कर देता है। ऐप डीप लर्निंग टेक्नीक का इस्तेमाल कर ऐसा करता है।
प्रोफेसर कुमारगुरु ने कहा कि यह ऐप मोबाइल (इंटरनेट) डेटा के बंद होने पर भी काम करेगा। उन्होंने बताया कि उदाहरण के तौर पर, सेल्फी लेते समय अगर आप रेलवे की पटरी के पास हैं, किसी जलाशय के पास हैं या आपके पीछे कोई जानवर है तो आपको एक नोटिफिकेशन मिलेगा कि आप असुरक्षित जगह पर हैं। (भाषा)