यह है साइबर अपराधियों का नया हथियार

गुरुवार, 16 अप्रैल 2015 (10:40 IST)
नई दिल्ली। इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) के 1,000 अरब डॉलर के अवसर में बदलने के बीच साइबर सुरक्षा फर्म वेबसेंस ने कहा है कि साइबर अपराधी शीघ्र ही इस नई प्रौद्योगिकी से फायदा उठाने के तरीके निकालना शुरू कर देंगे।

इंटरनेट ऑफ थिंग्स विभिन्न उपकरणों का नेटवर्क होता है, जो कि आईपी कनेक्टिविटी के जरिए खुद-ब-खुद आपस में संपर्क में रहते हैं। वेबसेंस के क्षेत्रीय निदेशक (भारत) सुरेंद्र सिंह ने कहा कि कंपनियों के लिए आईओटी एक बड़ा कारोबारी अवसर है लेकिन इसके साथ ही इससे साइबर अपराधियों का बड़ा खतरा जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा क‍ि साइबर अपराधी शीघ्र ही आईओटी के दोहन के तरीके सोचना शुरू कर देंगे। सिंह ने कहा कि हालांकि अभी तक आईओटी नेटवर्क पर हमले का कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन कुछ मामलों में उन्होंने कुछ कनेक्टेड मेडिकल उपकरणों पर हमला करने की कोशिश की है।

उन्होंने कहा कि आईओटी तेजी से बढ़ता बाजार है और कनेक्टेड उपकरणों की संख्या के हिसाब से साइबर अपराधी इस नेटवर्क में घुसपैठ के तरीके सोचना शुरू कर देंगे। (भाषा)

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