अगर आप भी किसी एप को डाउनलोड करते हैं तो उसे वैरिफाई जरूर कर लें। स्मार्ट फोन एप बिना आपकी अनुमति के मोबाइल पर आपके क्रियाकलापों का स्क्रीन शॉट और वीडियो बनाकर अन्य कंपनियों को भेज सकते हैं। इन स्क्रीन शॉट और वीडियो में आपका यूजर नेम, पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर समेत कई महत्वपूर्ण जानकारियां हो सकती हैं। बिना अनुमति के ये जानकारियां हासिल करना निजता का हनन तो है ही, यह आपके लिए अन्य परेशानियां भी बढ़ा सकता है।
आशंका जताई जा रही है कि फोन गुप्त रूप से यूजर के चैट रिकॉर्ड करते हैं। इससे निकली जानकारियों को उन कंपनियों को बेच दिया जाता है जो इनका प्रयोग लोगों तक अपना विज्ञापन पहुंचाने के लिए करते हैं। इसी की जांच के लिए एनईयू के शोधकर्ताओं ने अध्ययन किया था। शोध में चैट रिकॉर्ड करने का कोई सुबूत तो नहीं मिला, लेकिन एप द्वारा फोन पर होने वाले कार्यों का गुप्त रूप से वीडियो बनाने और स्क्रीन शॉट लेने की जानकारी सामने आई।
अध्ययन में शामिल किए गए गोपफ नामक फॉस्ट फूड डिलेवरी एप ने मोबाइल फोन पर हो रहे कार्य का वीडियो बनाकर एपसी नामक एनालिटिक फर्म को भेज दिया। स्क्रीन शॉट लेने से पहले यूजर को इसकी कोई जानकारी भी नहीं दी गई। दोनों कंपनियों का हालांकि दावा है कि इसके पीछे कोई गलत मंशा नहीं थी। वेब डेवलपर्स इन जानकारियों का इस्तेमाल बग आदि दूर करने के लिए करते हैं। चोफंस का कहना है कि कई कंपनियां इसका प्रयोग अपने फायदे के लिए भी कर सकती है।
- जो एप आपके लिए जरूरी हो वही एप डाउनलोड करें
- अगर किसी एप में विज्ञापन आते तो ऐसे एप आपके इंटरनेट डेटा का ज्यादा प्रयोग करेंगे, इसलिए आप उस काम के लिए कोई दूसरी एप को खोजे और प्रयोग करें। अगर किसी भी एप में विज्ञापन आते हैं तो प्ले स्टोर पर एप के इनस्टॉल बटन के नीचे लिखा होगा- contains ads।
- कोई भी एप डाउनलोड होने के बाद
- पर्सनल डाटा जैसे कि फोटो, विडियो, फाइल्स, कॉल रिकॉर्डिंग, आपकी लोकेशन, और आपके कांटेक्ट नंबर भी एक्सेस करते हैं और ऐसे में आपके पर्सनल डाटा का बहुत बड़ा फ्रॉड और डाटा चोरी भी हो सकता है तो इसलिए सोच समझकर एप्स को परमिशन दें। अगर नहीं देना चाहते हैं परमिशन तो deny बटन दबाएं।