भगवान मेरी नैया, भव पार लगा देना । अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा लेना ॥1॥ दल बल के साथ माया, घेरे जो मुझे आकर। तुम देखते न रहना, झट आके बचा लेना ॥2॥ संभव है खुशियों में, मैं तुझको भूल जाऊँ । पर नाथ कहीं तुम भी, मुझको न भूला देना ॥3॥ तुम देव मैं पुजारी, तुम इष्ट मैं उपासक । यह बात सत्य है तो, सच करके दिखा देना ॥4॥ तुम धर्म की शमा हो, हम भक्ति के परवाने । सौभाग्य की ये विनती, चरणों में शरण देना ॥5॥