Samvatsari Micchami Dukkadam Messages: 'मिच्छामि दुक्कड़म्' जैन धर्म की एक अत्यंत पवित्र और भावनात्मक परंपरा है, जो 'संवत्सरी महापर्व' के अंतिम दिन बोली जाती है। यह वाक्य मात्र एक औपचारिक अभिवादन नहीं, बल्कि 'सच्चे हृदय से क्षमा याचना' का भाव है। हमारे जीवन में मानवीय भूल के चलते हम न चाहते हुए भी किसी न किसी का दिल दुखा ही देते हैं, अत: संवत्सरी महापर्व के पावन अवसर पर, आइए अपने मन को हल्का करें और उन सभी से क्षमा मांगें, जिन्हें हमने जाने-अनजाने में दुख पहुंचाया है। ये 10 संदेश आपके दिल की बात अपनों तक पहुंचाने में मदद करेंगे।ALSO READ: जैन पर्युषण पर्व पर भेजें ये सुंदर 10 स्टेटस
10. इस पर्व पर, मैं अपने सभी अपनों को याद करता/करती हूं
और दिल से कहता/कहती हूं - जो कुछ भी
बुरा किया हो, वह सब माफ कर देना।
मिच्छामि दुक्कड़म्!
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