×
SEARCH
Hindi
English
தமிழ்
मराठी
తెలుగు
മലയാളം
ಕನ್ನಡ
ગુજરાતી
समाचार
मुख्य ख़बरें
राष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय
प्रादेशिक
मध्यप्रदेश
छत्तीसगढ़
गुजरात
महाराष्ट्र
राजस्थान
उत्तर प्रदेश
क्राइम
फैक्ट चेक
ऑटो मोबाइल
व्यापार
मोबाइल मेनिया
महाकुंभ
कुंभ यात्रा गाइड
कुंभ मेला न्यूज
कुंभ मेला इतिहास
दिल्ली चुनाव
धर्म-संसार
एकादशी
श्री कृष्णा
रामायण
महाभारत
व्रत-त्योहार
धर्म-दर्शन
शिरडी साईं बाबा
श्रीरामचरितमानस
आलेख
सनातन धर्म
बजट 2025
बॉलीवुड
बॉलीवुड न्यूज़
हॉट शॉट
मूवी रिव्यू
वेब स्टोरी
पर्यटन
आने वाली फिल्म
खुल जा सिम सिम
बॉलीवुड फोकस
आलेख
सलमान खान
सनी लियोन
टीवी
मुलाकात
क्रिकेट
अन्य खेल
खेल-संसार
ज्योतिष 2025
इंदौर
लाइफ स्टाइल
वीमेन कॉर्नर
सेहत
योग
NRI
मोटिवेशनल
रेसिपी
नन्ही दुनिया
पर्यटन
रोमांस
साहित्य
ज्योतिष
दैनिक राशिफल
रामशलाका
राशियां
आज का जन्मदिन
आज का मुहूर्त
लाल किताब
वास्तु-फेंगशुई
टैरो भविष्यवाणी
चौघड़िया
धर्म संग्रह
श्रीरामचरितमानस
मध्यप्रदेश
काम की बात
श्रीराम शलाका
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
चुटकुले
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
समाचार
महाकुंभ
दिल्ली चुनाव
धर्म-संसार
बजट 2025
बॉलीवुड
क्रिकेट
ज्योतिष 2025
इंदौर
लाइफ स्टाइल
ज्योतिष
धर्म संग्रह
श्रीरामचरितमानस
मध्यप्रदेश
काम की बात
श्रीराम शलाका
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
सुख-साहबी, अभ्युदय पाने हेतु
हेतु- सुख-साहबी मिलती है, अभ्युदय होता है।
छत्र त्रयं तव विभाति शशांक कान्तमुच्चैः स्थितं स्थगित भानु-कर-प्रतापम् ।
मुक्ताफल-प्रकर-जाल-विवृद्ध शोभं, प्रख्यापयत्त्रिजगतः परमेश्वरत्वम् ॥ (31)
मणि-मोतियों की आभा से उजले-उजले आपके मस्तक पर रहे हुए ये तीन छत्र कितने मोहक प्रतीत हो रहे हैं! सूरज की किरणों के तीखे स्पर्श को रोकते हुए ये शशांक से सुंदर छत्र जब झूलते हैं, तो लगता है ये आपके परमेश्वरत्व को तीनों लोक में प्रख्यापित कर रहे हैं।
ऋद्धि- ॐ ह्रीं अर्हं णमो घोरगुणपरक्कमाणं ।
मंत्र- ॐ उपसग्गहरं पासं, पासं वंदामि कम्मघणमुक्कं विसहर विसणिप्पासं मंगल-कल्लाण-आवासं ॐ ह्रीं नमः स्वाहा ।
गंभीर-तार-रव-पूरित-दिग्विभाग- स्त्रैलोक्य-लोक-शुभ-संभम-भूमि-दक्ष: ।
सद्धर्मराज-जय-घोषण-घोषक: सन् खे दुन्दुभिर्ध्वनति ते यशस: प्रवादी ।। (32)
मन्दार-सुंदर-नमेरु-सुपारिजात-सन्तानकादि-कुसुमोत्कर-वृष्टि-रुद्धा।
गन्धोद-बिंदु-शुभं-मन्द-मरुत्प्रपाता दिव्या दिव: पतति ते वचसां ततिर्वा।। (33)
शुम्भत्प्रभा-वलय-भूरि-विभा-विभोस्ते लोक-त्रये द्युतिमतां द्युतिमाक्षिपन्ती।
प्रोद्यद्दिवाकर-निरंतर-भूरि-संख्या दीप्त्या जयत्यपि निशामपि सोम-सौम्याम् ।। (34)
स्वर्गापवर्ग -गम-मार्ग-विमार्गणेष्ट: सद्धर्म-तत्त्व-कथनैक-पटुस्त्रिलोक्या:।
दिव्य-ध्वनिर्भवति ते विशदार्थ-सर्व- भाषा-स्वभाव-परिणाम-गुणै-र्प्रयोज्य: ।। (35)
वेबदुनिया पर पढ़ें
समाचार
बॉलीवुड
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
धर्म-संसार
महाभारत के किस्से
रामायण की कहानियां
रोचक और रोमांचक
ज़रूर पढ़ें
महाशिवरात्रि विशेष : शिव पूजा विधि, जानें 16 चरणों में
महाकुम्भ में अघोरी बाबा को मिली रशियन, अनोखी प्रेम कहानी को देख क्या कह रहे हैं लोग
प्रयागराज कुंभ मेले में स्नान करने जा रहे हैं तो इन 5 जगहों के दर्शन अवश्य करें
Shukra Gochar 2025: शुक्र का मीन राशि में 123 दिन के लिए गोचर, जानिए 12 राशियों का राशिफल
Mahashivratri 2025 Date: महाशिवरात्रि कब है, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
धर्म संसार
संत भाकरे महाराज कौन थे, जानें उनके बारे में
Rohini Vrat 2025: रोहिणी व्रत आज, जानें महत्व, कथा और पूजा विधि
Aaj Ka Rashifal: आज इन 3 राशियों को रखना होगा सेहत का ध्यान, जानें 07 फरवरी का राशिफल
07 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन
07 फरवरी 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त
ऐप में देखें
x