Baba Amarnath's Shivling melted : इस बार अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) में श्रद्धालुओं (devotees) की बढ़ती संख्या ने नहीं बल्कि भीषण गर्मी ने हिमलिंग के अस्तित्व के लिए खतरा बढ़ा दिया है, क्योंकि इससे हिमलिंग (Himling) के वक्त से पहले गायब होने की आशंका है। कई सालों से ऐसा देखने को मिल चुका है कि अक्सर श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से हिमलिंग समय से पहले भक्तों की सांसों के कारण लुप्त हो गए और अबकी बार गर्मी अपना दम दिखा रही है और हिमलिंग पिघलकर केवल 5 फुट का ही रह गया है।
हालांकि तब इसके लिए ग्लोबल वॉर्मिंग के साथ-साथ उन लाखों भक्तों की सांसें भी जिम्मेदार होती थीं, जो दर्शनार्थ गुफा तक पहुंचते थे। विशेषज्ञों के मुताबिक अमरनाथ ग्लेशियरों से घिरा है। ऐसे में ज्यादा लोगों के वहां पहुंचने से तापमान के बढ़ने की आशंका होगी। इससे ग्लेशियर जल्दी पिघलेंगे। साल 2016 में भी भक्तों की ज्यादा भीड़ के अमरनाथ पहुंचने से हिमलिंग तेजी से पिघल गया था।
साल 2013 में भी अमरनाथ यात्रा के दौरान हिमलिंग की ऊंचाई कम थी। उस वर्ष हिमलिंग महज 14 फुट के थे। लगातार बढ़ते तापमान के चलते वे अमरनाथ यात्रा के पूरे होने से पहले ही अंतरध्यान हो गए थे। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार साल 2013 में हिमलिंग के तेजी से पिघलने का कारण तापमान में वृद्धि था। उस वक्त पारा 34 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया था।