सभी व्रतों में सर्वोत्तम है जन्माष्टमी, जानिए महत्व और मुहूर्त

श्री कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शास्त्रों में इसके व्रत को 'व्रतराज' कहा जाता है।  इस एक दिन व्रत रखने से कई व्रतों का फल मिल जाता है।

ALSO READ: इस मंत्र से मिलेगा कान्हा जैसा सलोना वर... जन्माष्टमी पर जरूर पढ़ें

अगर भक्त पालने में भगवान को झुला दें, तो उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद के कृष्णपक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में होने के कारण इसको कृष्ण जन्माष्टमी कहते हैं। चूंकि भगवान श्रीकृष्ण का रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, इसलिए जन्माष्टमी के निर्धारण में रोहिणी नक्षत्र का बहुत ज्यादा ध्यान रखते हैं।

ALSO READ: लव-मैरिज करना चाहते हैं तो जन्माष्टमी पर पढ़ें यह विशेष मंत्र
 
इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा करने से संतान प्राप्ति, दीर्घायु तथा सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाकर हर मनोकामना पूरी की जा सकती है। जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर हो वे आज विशेष पूजा से लाभ पा सकते हैं।
 
दिनांक 14/08/2017 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त : 
 
शास्त्रों के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस दिन वृष राशि में चंद्रमा व सिंह राशि में सूर्य था। इसलिए श्री कृष्ण के जन्म का उत्सव भी इसी काल में ही मनाया जाता है। लोग रातभर मंगल गीत गाते हैं और भगवान कृष्ण का जन्मदिन मनाते हैं।

ALSO READ: गृहकलह से परेशान हैं तो जन्माष्टमी का यह मंत्र आपके लिए हैं
 
 इस बार अष्टमी 14 अगस्त को सायं 07:45 पर आरंभ होगी और यह 15 अगस्त को सायं 05:40 पर समाप्त होगी। रात्रि में अष्टमी तिथि 14 अगस्त को होगी। इसलिए इस बार जन्माष्टमी 14 अगस्त को मनाना उत्तम होगा। मध्य रात्रि में श्रीकृष्ण का जन्म होगा और तभी जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

ALSO READ: जन्माष्टमी पर जरूर पढ़ें कान्हा के 108 नाम
 

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी