क्यों रखती हैं कुंआरी लड़कियां व्रत?
मान्यता के अनुसार कुछ जगहों पर कुंआरी लड़कियां भी करवा चौथ का व्रत रखती हैं। कुंआरी लड़कियां करवा चौथ का व्रत 4 कारणों से करती हैं। पहला मनोवांछित पति की प्राप्ति के लिए, दूसरा मंगनी हो गई है तो मंगेतर के लिए, तीसरे यदि किसी के साथ प्रेम के रिश्ते में है तो उसके लिए और चौथा अपने भावी पति के लिए। कहते हैं कि अविवाहित लड़कियां यदि यह व्रत रखती हैं तो उन्हें करवा माता का आशीर्वाद मिलता है और सेहत में भी सुधार होता है।
कैसे रखती हैं कुंआरी लड़कियां यह व्रत?
कुंआरी लड़कियों को भी व्रत का पालन सामान्य नियमानुसार ही करना होता है लेकिन व्रत में पूजा से संबंधित कुछ नियम बदल जाते हैं। इस दौरान उन्हें किसी से सरगी नहीं मिलती इसलिए उन्हें भी किसी को सुहाग का सामान नहीं देना होता है।
इस दिन कुंआरी लड़कियां निर्जल की जगह निराहार व्रत रख सकती हैं और चांद को न देखकर तारों को देखकर अपना व्रत खोलती हैं। तारे देखने के लिए छलनी का इस्तेमाल नहीं करना होता है, क्योंकि उन्हें छलनी में किसी की सूरत भी नहीं देखनी होती है। चांद की जगह तारों को अर्घ्य दिया जाता है।