करवा चौथ का उपवास हर साल महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर चांद को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोलती हैं। महिलाएं इस दिन का पूरे साल बड़ी ही बेसब्री से इंतजार करती हैं और कई दिन पहले से ही व्रत की तैयारियां शुरू कर देती हैं, फिर चाहे वो पूजन की तैयारी हो या सजने संवरने की। जो महिलाएं पहली बार करवा चौथ का व्रत रखने जा रही हैं, उनके लिए व्रत के पूरे नियम कायदे जानना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं व्रत कैसे रखें।
करवा चौथ के व्रत में सरगी जरूरी होती है। व्रत शुरू होने से पहले सास बहू को कुछ मिठाइयां कपड़े और श्रृंगार का सामान देती हैं। करवा चौथ के दिन सूर्योदय होने से पहले महिलाएं सरगी को खाकर ही अपने व्रत की शुरुआत करती हैं। इसके बाद पूरा दिन निर्जला व्रत रहा जाता है और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत को खोला जाता है।
करवा चौथ के व्रत में शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणेश और चंद्रमा की पूजा की जाती है। इसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा होती है। पूजा के बाद मिट्टी के करवे में चावल, उड़द की दाल, सुहाग की सामग्री रखते सास या उनके समान किसी सुहागन महिला के पांव छूकर सुहाग सामग्री को भेंट करना चाहिए।