जब भी तस्वीर खिंचवाने का मौका आता है माँ घर में खोयी हुई किसी चीज को ढूँढ रही होती है या लकड़ी घास या पानी लेने गई होती है जंगल में उसे एक बार बाघ भी मिला पर वह नहीं डरी उसने बाघ को भगाया घास काटी घर आकर आग जलाई और सबके लिए खाना पकाया
मैं कभी घास या लकड़ी लाने जंगल नहीं गया कभी आग नहीं जलायी मैं अक्सर एक जमाने से चली आ रही पुरानी नक्काशीदार कुर्सी पर बैठा रहा जिस पर बैठकर तस्वीरें खिंचवाई जाती है
माँ के चेहरे पर मुझे दिखाई देती है एक जंगल की तस्वीर लकड़ी घास और पानी की तस्वीर खोई हुई एक चीज की तस्वीर।