'अरे तू वहां क्यों गया था बेटा, नाक में घुसा था और वह भी आदमी की! वह तो बड़ी खतरनाक होती है। अरे बेटा वह कभी चढ़ जाती है, कभी कट जाती है, कभी ऊंची हो जाती है, कभी नीची हो जाती है और कभी-कभी तो फूल भी जाती है। मेरे प्यारे बेटे कभी-कभी तो वह चने तक चबवा देती है और कभी-कभी तो नाक की नाक में भी दम कर देते हैं लोग। अरे, और तो और यह कहीं भी घुस भी जाती है। अच्छा हुआ तू बचकर आ गया, अब कभी मत जाना नाक के आसपास भी।