एक बार कि बात है एक संत थे, वे अक्सर यात्रा पर रहते थे और उनका नियम था कि वे ऐसे ही लोगों के घर आश्रय लेते थे, जिनका अचार विचार अच्छा हो और घर पवित्र हो। इस बार उन्होंने वृन्दावन जाने का सोचा लेकिन पहुँचने से पहले ही जब वो कुछ मील की दूरी पर थे तब रात हो चूकि थी। तो उन्होंने सोचा जिस रास्ते पर चल रहे थे उसे गांव में रात बिता लेता हूं और सवेरे जल्दी उठकर फिर से अपनी यात्रा को शुरू कर दूगा।