कला के धनी युवाओं के लिए चाय पीकर उसके स्वाद के आधार पर उसे श्रेणीगत करने के बतौर 'टी-टेस्टर' करियर का सुनहरा विकल्प मौजूद है। गौरतलब है कि चाय एक ऐसा उत्पाद है, जो सीधे बागानों से खुले बाजार में नहीं बेचा जाता।
टी-टेस्टर चाय को चखकर उसके स्वाद व क्वालिटी के अनुसार उसे श्रेणीबद्ध करता है। उसी के अनुसार उसका मूल्यांकन करके उसके मूल्यों को निश्चित किया जाता है। इसके बाद ही चाय की नीलामी होती है।
देश के कई संस्थान टी-टेस्टर का प्रशिक्षण देते हैं। यहां एक वर्षीय प्रशिक्षण लेने के बाद युवा आकर्षक वेतनमान पर इस कार्य से जु़ड़ सकते हैं।
उनमें से कुछ प्रमुख स्थान हैं- - दार्जीलिंग टी रिसर्च एंड मैनेजमेंट एसोसिएशन, कदमताल। - दार्जीलिंग टी रिसर्च सेंटर, कुर्सियांग, दार्जीलिंग-03। - दीपरास इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, एफई-477, सेक्टर-3, सॉल्टलेक सिटी, कोलकाता।