नासा के वैज्ञानिकों ने इस गैलेक्सी को कार्टव्हील (Cartwheel Galaxy) नाम दिया है, क्योंकि ये उसी तरह की दिखाई देती है। इस कार्टव्हील गैलेक्सी की इतती शानदार और स्पष्ट तस्वीर सामने आई है कि स्पष्ट दौर पर देखने पर यह सुदर्शन चक्र ही दिखाई देता है।
इस गैलेक्सी को पूरे देखने पर ऐसे प्रतीत होता है कि जैसे किसी हाथ की अंगुली पर एक चक्र घूम रहा है। यह ब्रह्मांडीय हाथ असल में एक ऑप्टिकल इल्यूजन है जो असल में एक पल्सर है। पल्सर एक तेजी से घूमने वाला न्यूट्रॉन तारा है जो अपने चारों ओर के अंतरिक्ष में ऊर्जा को बाहर निकाल रहा है ताकि जटिल और पेचीदा संरचनाएं बनाई जा सकें, जिसमें एक बड़े ब्रह्मांडीय हाथ जैसा दिखता है। इसे हैंड ऑफ गॉड के नाम से भी जाना जाता है। विष्णु पुराण में कहा गया है कि विश्वकर्मा ने सूर्य की धूल या तारे की धूल से सुदर्शन चक्र का निर्माण किया।
कार्टव्हील हमारी आकाशगंगा की तरह ही स्पाइरल थी, परंतु 70 से 80 करोड़ प्रकाश वर्ष पहले यह एक और गैलेक्सी से टकरा गई, फिर इसका आकार बदल गया। अब यह गोलाकार नजर आती है।