प्रकाश की गति क्या है और क्या मानव कभी इसे हासिल कर पाएगा?

गति ने ही मानव का जीवन बदला है और गति ही बदल रही है। बैलगाड़ी और घोड़े से उतरकर व्यक्ति साइकल पर सवार हुआ। फिर बाइक पर और अब विमान में सफर करने लगा। पहले 100 किलोमीटर का सफर तय करने के लिए 2 दिन लगते थे अब 2 घंटे में 100 किलोमीटर पहुंच सकते हैं।
 
 
रफ्तार ने व्यक्ति की जिंदगी बदल दी। पहले पत्र को 400 किलोमीटर पहुंचने में पूरा 1 हफ्ता लगता था अब मेल करेंगे तो 4 सेकंड में 6 हजार किलोमीटर दूर बैठे व्यक्ति को मिल जाएगी और वॉट्सऐप करेंगे तो 2 सेकंड में देख लिया जाएगा। मोबाइल करेंगे तो 1 से 2 सेकंड में वह आपकी आवाज सुन लेगा। तो कहने का मतलब यह है कि गति का जीवन में बहुत महत्व है। इस गति के कारण ही पहले मानव का भविष्य कुछ और था लेकिन अब भविष्य बदल गया है।
 
 
मानव के पास अभी इतनी गति नहीं है कि वह चंद्रमा पर जाकर चाय की एक चुस्की लेकर पुन: धरती पर 1 घंटे में वापस लौट आए। मंगल ग्रह पर शाम को यदि किसी ने डिनर का आयोजन किया हो तो धरती पर सुबह होते ही पुन: लौट आए। जब इतनी गति विकसित हो जाएगी तब आज हम जो विकास देख रहे हैं उससे कई हजार गुना ज्यादा विकास हो जाएगा। वैज्ञानिक इस तरह की गति को हासिल करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
 
 
मानव चाहता है प्रकाश की गति से यात्रा करना : आकाश में जब बिजली चमकती है तो सबसे पहले हमें बिजली की चमक दिखाई देती है और उसके बाद ही उसकी गड़गड़ाहट सुनाई देती है। इसका मतलब यह कि प्रकाश की गति ध्वनि की गति से तेज है। वैज्ञानिकों ने ध्वनि की गति तो हासिल कर ली है लेकिन अभी प्रकाश की गति हासिल करना जरा टेढ़ी खीर है।
 
 
बहुत सी ऐसी मिसाइलें हैं जिनकी मारक क्षमता ध्वनि की गति से भी तेज है। ऐसे भी लड़ाकू विमान हैं, जो ध्वनि की गति से भी तेज उड़ते हैं। लेकिन मानव चाहता है कि ध्वनि की गति से कार चले, बस चले और ट्रेन चले। हालांकि इसमें वह कुछ हद तक सफल भी हुआ है और अब इच्छा है कि प्रकाश की गति से चलने वाला अंतरिक्ष विमान हो।
 
 
प्रकाश की गति इतनी ज्यादा होती है कि यह लंदन से न्यूयॉर्क की दूरी को 1 सेकंड में 50 से ज्यादा बार तय कर लेगी। यदि ऐसी स्पीड संदेश भेजने में हो तो मंगल ग्रह पर संदेश भेजने में 12.5 मिनट लगेंगे। अब यदि हमें मंगल ग्रह पर जाकर लौटना है तो प्रकाश की गति ही हासिल करना होगी अन्यथा जा तो सकते हैं लेकिन लौटने की कोई गारंटी नहीं। अब आप जोड़ सकते हैं कि 22 करोड़ किलोमीटर दूर जाने में कितना समय लगेगा यदि हम 1,000 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से जाएं तो...।
 
 
क्या है प्रकाश की गति : अंतरिक्ष जैसी शून्यता में प्रकाश की एकदम सही गति 2,99,792.458 किलोमीटर प्रति सेकंड है। ऋग्वेद में सूर्य की प्रकाश की गति लगभग इतनी ही बताई गई है। सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी लगभग 14,96,00,000 किलोमीटर या 9,29,60,000 मील है तथा सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में 8 मिनट 16.6 सेकंड का समय लगता है।
 
 
एक वर्ष में प्रकाश द्वारा तय की जाने वाली दूरी को एक प्रकाश वर्ष कहते हैं। एक प्रकाश वर्ष का मतलब होता है लगभग अनुमानित 9,500 अरब किलोमीटर। यह होती है प्रकाश की गति। इसका एक सूत्र है- 9.4607 × 10^ 12 KM (nearly 6 trilion miles).

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