अमेरिका के परड्यू विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक बटरफ्लाई रेडबर्ग अणु का अध्ययन किया और बेहद उत्तेजित किए जा सकने वाले दो परमाणुओं के बीच के कमजोर बंध पर गौर किया। उन्होंने कहा कि यह एक दशक से ज्यादा समय पहले से मौजूद रहा होगा। रेडबर्ग अणुओं का निर्माण उस समय होता है, जब एक इलेक्ट्रॉन को एक परमाणु के नाभिक से दूर भेज दिया जाता है।
ग्रीने ने कहा कि आम परमाणुओं में इलेक्ट्रॉन नाभिक से महज एक या दो एंगस्ट्रॉम दूर होते हैं लेकिन रेडबर्ग परमाणुओं में ये सौ या हजार गुना दूर हो सकते हैं। ग्रीने ने कहा कि 1980 के दशक के अंत में और 1990 की शुरुआत में किए गए प्रारंभिक काम के बाद वर्ष 2002 में हमने यह संभावना देखी कि सुदूर रेडबर्ग इलेक्ट्रॉन एक अन्य परमाणु को एक लंबी दूरी पर बांध सकता है।