why chicken used in jet engines: क्या आपने कभी सोचा है कि हवाई जहाज के इंजन कितने सुरक्षित होते हैं? खासकर पक्षियों से टकराने की स्थिति में? यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन हवाई जहाज के टर्बाइन इंजन की सुरक्षा का परीक्षण करने के लिए एक बेहद अनोखा और चौंकाने वाला तरीका अपनाया जाता है: चिकन गन टेस्ट! जी हाँ, इसमें सचमुच मुर्गे का इस्तेमाल किया जाता है। आइए जानते हैं क्या है यह टेस्ट और क्यों है यह इतना ज़रूरी।
क्यों ज़रूरी है बर्ड स्ट्राइक टेस्ट? (Why is Bird Strike Test Important?)
उड़ान के दौरान पक्षियों से टकराना (जिसे बर्ड स्ट्राइक कहा जाता है) विमानन उद्योग के लिए एक गंभीर खतरा है। पक्षी, खासकर बड़े झुंड में, विमान के इंजन, पंखों या कॉकपिट से टकराकर भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे विमान का संतुलन बिगड़ सकता है और आपातकालीन लैंडिंग की नौबत आ सकती है। इन दुर्घटनाओं को रोकने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, विमान निर्माताओं को यह सुनिश्चित करना होता है कि उनके इंजन ऐसी टक्करों का सामना कर सकें। यहीं पर बर्ड स्ट्राइक टेस्ट की भूमिका आती है।
क्या होता है चिकन गन टेस्ट? (What is Chicken Gun Test?)
चिकन गन टेस्ट, जिसे पोल्ट्री कैनन भी कहा जाता है, एक विशेष प्रकार का बर्ड स्ट्राइक टेस्ट है। इसमें एक विशेष रूप से डिज़ाइन की गई तोप (गन) का उपयोग करके चिकन को एक टर्बाइन इंजन के ब्लेड की ओर उच्च गति से दागा जाता है। यह परीक्षण उस स्थिति का अनुकरण करता है जब एक पक्षी उड़ान के दौरान इंजन से टकराता है।
क्यों होता है असली मुर्गे से टेस्ट? (Why Test with Real Chicken?)
आपके मन में यह सवाल ज़रूर आया होगा कि आखिर असली मुर्गे का ही इस्तेमाल क्यों? कृत्रिम पक्षियों का उपयोग क्यों नहीं किया जाता? इसका सीधा सा कारण है कि असली मुर्गे का घनत्व (density), संरचना (structure) और व्यवहार (behavior) एक जीवित पक्षी के सबसे करीब होता है। •घनत्व और संरचना: एक असली मुर्गे में हड्डियां, मांसपेशियां और पानी होता है, जो उड़ान भरने वाले पक्षी की वास्तविक भौतिक विशेषताओं के समान ही होता है। •विश्वसनीयता: विमान निर्माताओं को सबसे सटीक और विश्वसनीय डेटा की आवश्यकता होती है ताकि वे यह सुनिश्चित कर सकें कि उनके उत्पाद उड़ान के दौरान सभी संभावित खतरों का सामना करने में सक्षम हैं। नकली पक्षियों से प्राप्त परिणाम उतने विश्वसनीय नहीं होंगे।
बर्ड स्ट्राइक टेस्ट में क्या होता है? (What Happens in Bird Strike Test?)
चिकन गन टेस्ट बर्ड स्ट्राइक टेस्ट का एक हिस्सा है। इस परीक्षण के दौरान: 1. मुर्गे की तैयारी: परीक्षण के लिए जीवित मुर्गों का उपयोग किया जाता है। इन्हें परीक्षण से पहले ठंडा किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे अपनी संरचना बनाए रखें। 2. गन में लोड करना: मुर्गे को विशेष रूप से डिज़ाइन की गई वायवीय तोप (pneumatic cannon) में लोड किया जाता है। 3. फायरिंग: तोप से मुर्गे को एक उच्च गति पर, जो वास्तविक उड़ान गति के बराबर होती है, इंजन की ओर दागा जाता है। 4. डेटा संग्रह: इस दौरान इंजन पर पड़ने वाले प्रभाव, इंजन के ब्लेड को हुए नुकसान, और इंजन के प्रदर्शन में किसी भी बदलाव का बारीकी से अवलोकन और डेटा संग्रह किया जाता है। हाई-स्पीड कैमरे और सेंसर का उपयोग करके हर सेकंड की गतिविधि को रिकॉर्ड किया जाता है। 5. विश्लेषण: एकत्र किए गए डेटा का विश्लेषण किया जाता है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि इंजन ने टक्कर का कितनी अच्छी तरह सामना किया। यदि इंजन क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो इंजीनियरों को इसे और मजबूत बनाने के तरीके खोजने होते हैं।
यह परीक्षण यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि जब वास्तविक उड़ान के दौरान कोई पक्षी इंजन से टकराता है, तो इंजन का प्रदर्शन महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित न हो और विमान सुरक्षित रूप से अपनी उड़ान जारी रख सके या आपातकालीन लैंडिंग कर सके।