उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी में अन्नदाताओं के ऊपर गाड़ी चढ़ाने का आरोप बीजेपी सांसद व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे मोनू पर लगा है। मिली जानकारी के मुताबिक अब तक 8 लोगों की मौत हुई है। इसमें से 4 किसान और 4 गाड़ी सवार बताए जा रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने इस घटना को प्रीप्लान बताया है और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
लखीमपुर खीरी में हुई घटना की जानकारी मिलते ही गाजियाबाद के गाजीपुर बॉर्डर से भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत अपने काफिले के साथ लखीमपुर के लिए रवाना हो गए हैं। इस दौरान वेस्ट यूपी के 27 जिलों में अलर्ट कर दिया गया है, वहीं लखीमपुर खीरी के किसानों ने अपने मृतक साथियों का पोस्टमार्टम तब तक कराने से रोक दिया है, जब तक उनके संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वहां नही पहुंच जाते है।
वेस्ट यूपी के सभी जिलों में डीएम, एसएसपी को सुरक्षा संबंधी विशेष निर्देश दिए गए हैं। अधिकारी खुद सड़कों पर उतर आए हैं और जगह-जगह चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। जिन जिलों में किसानों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है, वहां एलआईयू, इंटेलीजेंस, पुलिस प्रशासन मुस्तैद हो गया है।
मेरठ मंडल के गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, हापुड़, बागपत, बुलंदशहर में अलर्ट किया गया है। सहारनपुर मंडल के सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर में पुलिस प्रशासन को विशेष सर्तकता बरतने की हिदायत दी गई है। पीलीभीत, बरेली, बदायूं, आगरा, मथुरा, मुरादाबाद, अमरोहा, नोएडा, बुलंदशहर, हापुड़, अलीगढ़, हाथरस, रामपुर, शाहजहांपुर, एटा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, बिजनौर, फर्रुखाबाद, इटावा, औरैया भी अलर्ट मोड़ पर है। सरकार किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना नही चाहती है, इसलिए विशेष सतर्कता और पैनी नजर बनाए हुए है। यूपी में पुलिस के अतिरिक्त, पीएसी व आरएएफ को भी रिजर्व में रखा गया है।
लखीमपुर जाते समय राकेश टिकैत ने मुरादाबाद में मीडिया से बात करते हुए कहा है कि ये सब तो प्रीप्लान है, पिछले 10 दिन से यह कहा जा रहा था कि हमें काले झंडे दिखाओगे तो हम किसानों से निपट लेंगे। इसमें सरकार की साजिश लगती है। मुकदमा कायम कराएंगे, हमने मृतक किसान साथियों की बॉडी पुलिस को नहीं सौंपी है। घटनास्थल पर पहुंचकर सभी साथियों के साथ सलाह-मशविरा करके आगे की रणनीति तय करेंगे।
टिकैत ने कहा कि सरकार तो डराने का धमकाने का काम कर रही है, इनकी साजिश चल रही है, ये सरकारी गुंडागर्दी है। सरकारी गुंडागर्दी को सभी ने फिलहाल में हुए जिला पंचायत चुनाव में देखा था। अब सरकार की मंशा है कि किसानों का आंदोलन दबाकर हटा दो या इनको मरवाकर कर आंदोलन खत्म कर दो। हम इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच चाहते हैं। हमारे 4-5 साथी शहीद हुए हैं, जबकि 10 किसान घायल हैं।