बुध ग्रह का चक्र और लाल किताब

कुंडली के प्रत्येक भाव या खाने अनुसार बुध के शुभ-अशुभ प्रभाव को लाल किताब में विस्तृत रूप से समझाकर उसके उपाय बताए गए हैं। यहाँ प्रस्तुत है प्रत्येक भाव में बुध की स्थिति और सावधानी के बारे में संक्षिप्त और सामान्य जानकारी।
 
 
विशेषता : बकरा, बकरी, भेड़, चमगादड़ और तोता।
 
(1) पहला खाना : व्यक्ति कांतिमय देह वाला होता है। बुध एक के समय यदि शनि सात में है तो व्यक्ति हिम्मत का मालिक होता है। वह जो भी काम हाथ में लेता है उसे पूरा करके ही दम लेता है। दूसरों के दिल को काबू में रखने में माहिर। बुध एक के समय सूर्य का संबंध हो तो औरत अमीर घराने की होगी। माना जाता है कि ऐसा व्यक्ति राजपाट वाला या खुदगर्ज चिकित्सक होता है।
 
सावधानी : बहन, बुआ, बेटी को नाराज न करें। माँस-मछली और शराब से दूर रहें। बुध यदि अशुभ हो रहा हो तो हरा रंग, व्यापार, हकिमी आदि कार्य में सावधानी बरतें।
 
(2) दूसरा खाना : इसे यहाँ लड़कों जैसी लड़की कहा गया है। चालाकी से उत्तर देने वाला, मतलब परस्त, फिर भी यदि अकेला है तो सभी को तारने वाला सिद्ध होगा।
 
सावधानी : बहन, बेटी, बुआ का सम्मान करें। धर्म स्थान पर चंद्र की चीजें दान करें।
 
(3) तीसरा खाना : दीमक की तरह। तेज दिमाग और सतर्क रहने वाला व्यक्ति। वह कभी भी कुछ भी कर सकता है और उसके करने का किसी को भी इल्म नहीं हो सकता। इसे ऐसा व्यक्ति माना गया है जिसका साया नहीं बनता अर्थात भूत।
 
सावधानी : साबूत मूँग रात में भिगोकर सुबह पक्षियों को डालें 43 दिन तक। जुबान को बस में रखें।
 
 
(4) चौथा खाना : यहाँ बुध है तो राजयोग बन सकता है। ऐसा व्यक्ति हुनरमंद होता है। व्यक्ति सरकारी नौकरी में रुतबा रखने वाला होगा। किसी भी तरह नौकरी में उन्नति करता रहेगा।
 
सावधानी : गुरु का उपाय करें। माता-पिता का ध्यान रखें।
 
(5) पाँचवाँ खाना : यदि पाँचवें खाने में बुध है तो फकीर की आवाज या आशीर्वाद फलित होने वाला माना गया है। ऐसे व्यक्ति के मुँह से निकला वाक्य उत्तम फल देने वाला सिद्ध होगा। भाग्यशाली, विनोदी स्वभाव, प्रसन्न रहने वाला। जीवन आनंदमय व्यतीत होगा।
 
सावधानी : काल्पनिक डर और बेकार के तंत्र-मंत्र से बचें। बोलते वक्त संयम रखें। नकारात्मक न बोलें। पिता का ध्यान रखें।

(6) छठा खाना : यहाँ बुध अच्छा फल देने वाला है। इसे गुमनाम संन्यासी या मनमर्जी का राजा कहा गया है। ऐसा व्यक्ति मेहनत से अमीर बनकर अच्छी जिंदगी बिताएगा।
 
सावधानी : अपनों से विरोध न रखें। बहन, बुआ और बेटी को लाभ पहुँचाएँ। दुर्गा की भक्ति करें।
 
(7) सातवाँ खाना : यहाँ बुध के होने का अर्थ व्यक्ति लेखन में रुचि रखने वाला हो या न हो फिर भी कलम की शक्ति रखेगा। कुल, खानदान को तारने वाला और सौभाग्यशाली होगा।
 
सावधानी : पत्नी या पति से अच्छा संबंध रखें। धन जमा करने की प्रवृत्ति डालें।
 
(8) आठवाँ खाना : यहाँ बुध है तो व्यक्ति गुप्त विद्याओं में रुचि रखने वाला तथा तेज स्मरणशक्ति का होगा। अतिथि सेवक और राजपक्ष का होगा।
 
सावधानी : नाक छिदवा लें। नौकरी या व्यापार में उत्तम व्यवहार और जिम्मेदारी के महत्व को समझें। किसी की निंदा न करें। बहन हो तो उसकी मदद करें। बेकार के तंत्र-मंत्र के चक्कर में न रहें। दुर्गा की भक्ति करें।
 
(9) नौवाँ खाना : यहाँ बुध है तो समझो व्यक्ति जादुई सोच वाला, उत्तम विद्वान और सज्जन है। इसे जादू से बनाया गया भूत माना गया है। 
 
सावधानी : किसी साधु या फकीर से ताबीज न लें। पिता, गुरु या सज्जन व्यक्ति का अपमान न करें बल्कि इनका ध्यान रखेंगे तो तरक्की पाएँगे।
 
(10) दसवाँ खाना : ऐसा व्यक्ति नास्तिक हो सकता है। जीहुजूरी करने वाला, शरारती और मतलब परस्त भी हो सकता है। पैतृक संपत्ति का मालिक।
 
सावधानी : जुबान का चस्का न रखें अन्यथा बहुत तेजी से शरीर का क्षरण होने लगेगा।
 
(11) ग्यारहवाँ खाना : धनवान मगर उल्लू का पट्ठा। इस उल्लूपन के कारण ही जितना श्रम उतना ही लाभ मिलेगा।
 
सावधानी : किसी फकीर, तांत्रिक, ज्योतिष या साधु से किसी भी प्रकार की कोई वस्तु न लें।
 
(12) बारहवाँ खाना : नेकदिल मगर किस्मत के चक्कर में रात की नींद उजाड़ने वाला। राज दरबार से सावधानी।
 
सावधानी : जुबान पर काबू रखें। वायदा पूरा करना सीखें। रोज दुर्गा मंदिर में जाकर सिर झुकाएँ।
 

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