बुधवार की प्रकृति चर और सौम्य मानी गई है। चर का अर्थ चलायमान होता है, जो स्थिर नहीं है। बुधवार का ग्रह है बुध। यदि कुंडली में बुध की स्थिति निम्निलिखित अनुसार है तो बुधवार का व्रत करना चाहिए। आओ जानते हैं कि किसे बुधवार का व्रत रखना चाहिए।
1. यदि बुध ग्रह अष्टम भाव में होकर नीच का बैठा है तो बुधवार का व्रत कर सकते हैं।
2. कन्या और मिथुन राशि के स्वामी बुध के सूर्य, शुक्र और राहु मित्र, चंद्र शत्रु और मंगल, गुरु, शनि और केतु सम। यदि बुध ग्रह शत्रु ग्रह के साथ बैठा है तो बुधवार का व्रत रख सकते हैं।
3. गुरु और राहु मिलकर बुध का रूप धारण कर लेते हैं जिसे ज्योतिष में चांडाल योग कहा गया है। मंगल और बुध मिलकर भी शनि का रूप ले लेते हैं, लेकिन सिफत केतु के समान ही मानी जाती है। सूर्य और बुध मिलकर नकली मंगल नेक का रूप ले लेता है अर्थात उच्च का मंगल बन जाते हैं। बुध और शुक्र मिलकर नकली सूर्य का रूप धारण कर लेते हैं। बुध यदि केतु और मंगल के साथ है तो मंदा फल मिलता है। शत्रु ग्रहों से ग्रसित बुध का फल मंदा ही रहता है। यदि बुध मंद हो रहा है तो भी बुधवार का व्रत कर सकते हैं।
4. बुध की विशेषता है कि यह यदि मंदा है तो नौकरी या व्यापार में नुकसान दे सकता है। संभोग की शक्ति क्षीण कर देता है। इसीलिए बुधवार का व्रत रख सकते हैं। खासकर व्यापारी और दलाल बंधुओं को बुधवार का व्रत रखना चाहिए।
5. शरीर के अंग दिमाग का ढांचा, जीभ, दांत, नाड़ियां, नाक का सिरा खराब होना अर्थात बुध का मंदा असर माना जाता है। बुध ग्रह यदि कमजोर है तो लाल किताब के अनुसार सूंघने की शक्ति क्षीण हो जाती है और जातक तुतलाने लगता है। समय पूर्व ही दांत खराब हो जाते हैं। मित्र से संबंध बिगड़ जाते हैं। संभोग की शक्ति क्षीण कर देता है। ऐसे में भी बुध के उपाय करते हुए बुधवार का व्रत रख सकते हैं।
6. बुध के मकान के चारों ओर खाली जगह होती है। हो सकता है कि यह मकान सभी मकानों से अलग अकेला ही हो। मकान के साथ चौड़े पत्तों के वृक्ष होंगे। गुरु और चंद्र के वृक्ष के साथ न होगा और अगर हुआ तो वह घर बुध की दुश्मनी का पुख्ता प्रमाण माना जाएगा। यदि ऐसी स्थिति है तो बुध के उपाय करने के साथ ही बुधवार का व्रत रख सकते हैं।
7. कमजोर मस्तिष्क वालों को बुधवार के दिन उपवास रखना चाहिए, क्योंकि बुधवार का दिन बुद्धि प्राप्ति का दिन होता है। बुद्धवार के व्रत से बुध ग्रह की शांति तथा धन, विद्या और व्यापार में वृद्धि होती है।
8. बहन, मौसी और बुआ की स्थिति ठीक नहीं रहती है तो भी बुधवार का व्रत रख सकते हैं।
बुधवार के उपाय : नाक की जो खोल है वह बुध है नाक में से जो हम ऑक्सिजन लेते हैं वह गुरु है और जो कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं वह राहू है। यदि नाक साफ सुथरी नहीं है तो गुरु खराब और राहु का असर होगा। बुधवार को नाक छिनवाकर दूसरे दिन गुरु का दान करें और नाक में 43 दिन तक चांदी का तार डालकर रखेंगे तो बुध ठीक हो जाएगा
दुर्गा माता की भक्ति करें। बेटी, बहन, बुआ और साली से अच्छे संबंध रखें। बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं। साबुत हरे मूंग का दान करें और सबसे जरूरी यह कि झूठ ना बोलें। बुधवार के दिन तुलसी का गिरा हुआ पत्ता धोकर खाना बहुत शुभ होता है। अपने साथ हरा रुमाल जरूर रखें। बुधवार के दिन दुर्गा माता के मंदिर में जाएं और उन्हें हरे रंग की चूड़ियां चढ़ाएं या 9 कन्याओं को हरे रंग का रुमाल बांटें। ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: मंत्र का जाप बुधवार के दिन करना बेहद शुभकारी होता है। इसके अलागा गणेश मंत्र या दुर्गा माता के मंत्र का भी जाप कर सकते हैं।