लाल किताब के अनुसार जब किसी कुण्डली में शुक्र, बुध या राहु दूसरे, पांचवें, नौवें अथवा बारहवें भाव में हों तो जातक पितॄ ऋण से पीड़ित माना जाता है। खासकर नौवें से पता चलता है कि जातक पिछले जन्म में क्या करके आया है। यदि नौवें घर में शुक्र, बुध या राहु है तो यह कुंडली पितृ दोष की है।