गुरु के बाद सौरमंडल में शुक्र का नंबर आता है। आकाश में शुक्र ग्रह को आसानी से देखा जा सकता है। इसे संध्या और भोर का तारा भी कहते हैं। आकाश में सबसे तेज चमकदार तारा शुक्र ही है। ज्योतिष और वैज्ञानिकों का मानना है कि शुक्र की किरणों का हमारे शरीर और जीवन पर अकाट्य प्रभाव पड़ता है।
शुक्र हमारे जीवन में स्त्री, वाहन और धन सुख को प्रभावित करता है। यह एक स्त्री ग्रह है। पुरुष के लिए स्त्री और स्त्री के लिए पुरुष शुक्र है। हिन्दू धर्म में लक्ष्मी, काली और गुरु शुक्राचार्य को शुक्र ग्रह से संबंधित माना जाता है।
लाल किताब के अनुसार कुंडली में शुक्र के दोषपूर्ण या खराब होने की स्थिति के बारे में विस्तार से बताया गया है। यहां जानिए संक्षिप्त जानकारी।
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कैसे होता शुक्र खराब :
* घर की दक्षिण-पूर्व दिशा के दूषित होने से भी शुक्र ग्रह खराब फल देने लगता है। * किसी भी कारण से दांत खराब करने से शुक्र अपना अच्छा प्रभाव देना छोड़ देता है। * अनैतिक या पराई स्त्री से यौन संबंध बनाने से भी शुक्र बुरे प्रभाव शुरू कर देता है। * कुंडली में शुक्र के साथ राहु का होना अर्थात स्त्री तथा दौलत का असर खत्म। * यदि शनि मंदा अर्थात नीच का हो तब भी शुक्र का बुरा असर होता है। * पत्नी या पति से अनावश्यक कलह होना शुक्र के खराब होने की निशानी है। * शारीरिक रूप से गंदे बने रहना, गंदे-फटे कपड़े पहनने से भी शुक्र मंदा हो जाता है। * घर की साफ-सफाई को महत्व न देने से भी शुक्र खराब हो जाता है। * घर का बेडरूम और किचन खराब होने से भी शुक्र खराब हो जाता है। * घर में काले, कत्थई रंगों की अधिकता से भी शुक्र मंदा फल देने लगता है। * गृह कलह से भी शुक्र अपना फल मंदा देने लगता और धन-दौलत नष्ट हो जाती है। * शनि के मंदे कार्य करने से भी शुक्र अपना अच्छा प्रभाव छोड़कर बर्बाद कर देता है।
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शुक्र की बीमारी : * घर की दक्षिण-पूर्व दिशा को वास्तु अनुसार ठीक करवाएं। * शरीर में गाल, ठुड्डी और नसों से शुक्र का संबंध माना जाता है। * शुक्र के खराब होने से वीर्य की कमी भी हो जाती है। इससे किसी भी प्रकार का यौन रोग हो सकता है या व्यक्ति में कामेच्छा समाप्त हो जाती है। * लगातार अंगूठे में दर्द का रहना या बिना रोग के ही अंगूठे का बेकार हो जाना शुक्र के खराब होने की निशानी है। * शुक्र के खराब होने से शरीर में त्वचा संबंधी रोग उत्पन्न होने लगते हैं। * अंतड़ियों के रोग। * गुर्दे का दर्द * पांव में तकलीफ आदि।
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शुक्र को शुभ बनाने के तरीके :
* लक्ष्मी की उपासना करें। शुक्रवार का व्रत रखें। खटाई न खाएं। * स्त्री का सम्मान करें, पत्नी को खुश रखें। पराई स्त्री से संबंध न रखें। * गृह कलह छोड़कर परिवार के सदस्यों के साथ प्यार से रहें। * घर को वास्तु अनुसार ठीक रखें। * सफेद वस्त्र दान करें। * भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे और कुत्ते को दें। * दो मोती लेकर एक पानी में बहा दें और एक जिंदगीभर अपने पास रखें। * स्वयं को और घर को साफ-सुथरा रखें और हमेशा साफ कपड़े पहनें। नित्य नहाएं। शरीर को जरा भी गंदा न रखें। * सुगंधित इत्र या सेंट का उपयोग करें। पवित्र बने रहें।
नोट : इनमें से कुछ उपाय विपरीत फल देने वाले भी हो सकते हैं। कुंडली की पूरी जांच किए बगैर उपचार नहीं करना चाहिए। किसी लाल किताब के विशेषज्ञ को कुंडली दिखाकर ही यह उपाय करें।
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बलवान शुक्र के फल :
गृहस्थ जीवन का सुख मिलता है। यदि शुक्र को बलवान बना लिया तो शरीर पुष्ट और सुंदर हो जाएगा। स्त्री सुख सहज ही मिलने लगेगा। आत्मविश्वास बढ़ जाएगा। भूमि, धन, मकान और वाहन में बढ़ोतरी होगी।
शुक्र का बल हो तो ऐसा व्यक्ति ऐशो-आराम में अपना जीवन बिताता है। फिल्म, काव्य, स्त्री और साहित्य में रुचि बढ़ जाती है।