92 साल की उम्र में लता मंगेशकर का निधन, देश में 2 दिन का राष्ट्रीय शोक

रविवार, 6 फ़रवरी 2022 (11:49 IST)
नई दिल्ली। महान गायिका लता मंगेशकर के निधन पर दो दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
 
स्वर कोकिला लता जी का पार्थिव शरीर सुबह 12:30 बजे उनके निवास पर लाया जाएगा। यहां से 3 बजे उनके अंतिम यात्रा शिवाजी पार्क के लिए निकलेगी। उनका अंतिम संस्कार आज शाम 6:30 बजे मुंबई के शिवाजी पार्क में किया जाएगा। 
 
मंगेशकर का 92 वर्ष की आयु में रविवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थीं।

क्या होता है राष्ट्रीय शोक: राष्ट्रीय ध्वज संहिता के अनुसार राष्ट्रीय शोक के दौरान संसद, सचिवालय, विधानसभा, अन्य महत्वपूर्ण राष्ट्रीय भवनों या सरकारी कार्यालयों पर लगा राष्ट्रध्वज आधा झुका रहता है। इसके अलावा देश से बाहर स्थित भारतीय दूतावासों पर भी राष्ट्रध्वज आधा झुका रहता है। इस दौरान कोई सरकारी या औपचारिक कार्यक्रम को आयोजन नहीं किया जाता है।
 
इंदौर में जन्मी थीं लता : मध्य प्रदेश के इंदौर में 28 सिंतबर 1929 को जन्मीं लता मंगेशकर के पिता दीनानाथ मंगेशकर मराठी रंगमंच से जुड़े हुए थे। 5 वर्ष की उम्र में लता ने अपने पिता के साथ नाटकों में अभिनय करना शुरू कर दिया। इसके साथ ही लता संगीत की शिक्षा अपने पिता से लेने लगी। उन्होंने वर्ष 1942 में फिल्म किटी हसाल के लिए अपना पहला गाना गाया लेकिन उनके पिता को लता का फिल्मों के लिए गाना पसंद नहीं आया और उन्होंने फिल्म से लता के गाए गीत को हटवा दिया।
 
वर्ष 1942 में 13 वर्ष की छोटी उम्र में ही लता के सिर से पिता का साया उठ गया और परिवार की जिम्मेदारी उनके उपर आ गयी। इसके बाद उनका पूरा परिवार पुणे से मुंबई आ गया। लता को फिल्मों में अभिनय करना जरा भी पसंद नहीं था बावजूद इसके परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी को उठाते हुए उन्होंने फिल्मो में अभिनय करना शुरू कर दिया।
 
लता मंगेशकर ने फिल्मों में हर दौर की मशहूर अभिनेत्रियों के लिए गाना गया था। उन्होंने मधुबाला से माधुरी दीक्षित तक के लिए गाने गाये थे।
 
2001 में भारत रत्न : लता को उनके सिने करियर में चार बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। लता मंगेशकर को उनके गाये गीत के लिए वर्ष 1972 में फिल्म परिचय, वर्ष 1975 में कोरा कागज और वर्ष 1990 में फिल्म लेकिन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उनको वर्ष 1969 में पदमभूषण, वर्ष 1989 में दादा साहब फाल्के सम्मान, वर्ष 1999 में पदमविभूषण, वर्ष 2001 में भारत रत्न से नवाजा गया।

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